Edited By Anjna,Updated: 08 Jun, 2018 08:49 AM
भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पंजाब सरकार ने राज्य में शैलर मालिकों को सिक्योरिटीज ऑनलाइन वापस करेगी ताकि उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। पंजाब राइस मिलर्ज एसो. के अध्यक्ष तरसेम लाल सैनी के नेतृत्व में शैलर मालिकों के उच्चस्तरीय...
जालंधर(धवन): भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पंजाब सरकार ने राज्य में शैलर मालिकों को सिक्योरिटीज ऑनलाइन वापस करेगी ताकि उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। पंजाब राइस मिलर्ज एसो. के अध्यक्ष तरसेम लाल सैनी के नेतृत्व में शैलर मालिकों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक दौरान पंजाब के फूड सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु ने शैलर इंडस्ट्री की कई मांगों को मौके पर ही स्वीकार कर लिया। आशु ने सैनी की मांगों को सुनने के बाद कहा कि मिलिंग का कार्य सम्पन्न होते ही 15 दिनों के भीतर सिक्योरिटीज ऑनलाइन वापस होंगी।
बैठक में फूड सप्लाई विभाग के सैक्रेटरी तथा डायरैक्टर भी मौजूद थे। आशु ने ऐलान किया कि आगामी सीजन में 50 प्रतिशत बारदाना लगाने के मुद्दे पर पंजाब सरकार केन्द्र सरकार को पत्र लिखने जा रही है। बारदाने का मामला केन्द्र सरकार से संबंध रखता है, इसलिए अमरेन्द्र सरकार इस मुद्दे को केन्द्र के सामने उठाएगी। आशु ने कहा कि 2003-04 और उसके बाद के बिलों को लेकर राज्य सरकार द्वारा शैलर मालिकों से नाजायज रिकवरियां नहीं की जाएंगी।
विभाग की कार्यप्रणाली को ऑनलाइन किया जाएगा ताकि चावल इंडस्ट्री को राहत मिल सके। पूर्व सरकार की तुलना में मौजूदा कांग्रेस सरकार अपनी नई नीति और भी बेहतर बनाएगी और नई नीति बनाने से पहले पंजाब राइस मिलर्ज एसो. के साथ विभाग द्वारा बैठक भी की जाएगी। वन टाइम सैटलमैंट स्कीम की भी सरकार द्वारा पुन: समीक्षा की जाएगी। राज्य में शैलर इंडस्ट्री को सरकार से पूरा सहयोग मिलेगा।
सैनी ने कहा कि कृषि आधारित शैलर इंडस्ट्री को बचाने की जरूरत है तथा उनकी मांगों को राज्य सरकार पूरी तरह से स्वीकार करे, जो मांगें केन्द्र सरकार से संबंधित हैं, उन्हें केन्द्र के समक्ष उठाया जाए क्योंकि अगर शैलर इंडस्ट्री बर्बाद होती है तो लगभग 7 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। आशु ने शैलरों में सौर टैक्स व ड्रायज लगाने के मामले में शैलर इंडस्ट्री को राहत देने की घोषणा की और इस बात पर सहमति दी कि कृषि आधारित इस उद्योग को सरकार बचाएगी और समय-समय पर वह एसो. के साथ बैठकें करके उनकी मांगों को पूरा करेंगे। अधिकांश मसले केन्द्र सरकार से संबंध रखते हैं तथा जरूरत पडऩे पर वह केन्द्रीय मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।