Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jun, 2018 09:36 AM
पूर्व मुख्यमंत्री राजिंद्र कौर भट्ठल ने कहा कि लंगर पर जी.एस.टी. में छूट के मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता पंजाब की जनता को गुमराह कर रहे हैं। भट्ठल ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार का लंगर पर जी.एस.टी. माफ करने पर धन्यवाद करके सुखबीर बादल...
जालंधर(वीरेंद्र): पूर्व मुख्यमंत्री राजिंद्र कौर भट्ठल ने कहा कि लंगर पर जी.एस.टी. में छूट के मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता पंजाब की जनता को गुमराह कर रहे हैं। भट्ठल ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार का लंगर पर जी.एस.टी. माफ करने पर धन्यवाद करके सुखबीर बादल तथा हरसिमरत कौर ने पंजाब की जनता की भावनाओं को आहत किया है।
मोदी सरकार ने जी.एस.टी. माफ किया नहीं है, बल्कि इस सरकार ने तो लंगर पर टैक्स लगाया है जबकि पिछले 70 सालों में किसी भी सरकार ने लंगर पर टैक्स नहीं लगाया। भट्ठल ने कहा है के वास्तविकता यह है कि जी.एस.टी. काऊंसिल की एक बैठक 31 मई को हुई थी जिसमें सभी प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हुए थे। वहां पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने लंगर पर जी.एस.टी. लगाए जाने का विरोध किया और उससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने यह टैक्स समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था। इसी बैठक में एक ‘सेवा भोज योजना’ बनाने का निर्णय हुआ था और उसके लिए 325 करोड़ रुपए रखने का भी फैसला किया गया था।
इस योजना के अनुसार लंगर का राशन खरीदते समय जी.एस.टी. अदा करना पड़ेगा तथा बाद में रिफंड के लिए ‘सेवा भोज योजना’के तहत रिफंड मांगना होगा, जोकि न केवल कठिन है बल्कि सिख मर्यादाओं के खिलाफ भी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि सिख मर्यादाओं के अनुसार लंगर में कभी भी सरकारी धन खर्च नहीं किया जाता है। यहां तक कि महाराजा रंजीत सिंह के शासन के वक्त भी सरकारी धन गुरु के लंगर पर खर्च नहीं किया गया।