जालंधर में ब्लैक मनी को वाइट करने वाली कंपनी 300 करोड़ लेकर फरार, नेताओं का पैसा भी फंसा

Edited By Vaneet,Updated: 16 Jul, 2020 06:06 PM

company escaped with 300 crore in jalandhar

अपने इंवैस्टरों के करोड़ों रुपए लेकर भागी विस पावर कंपनी के लिए काम करने वाले 100 के करीब लीडरों के बयान कमलबंद हो गए हैं।...

जालंधर(वरुण): अपने इंवैस्टरों के करोड़ों रुपए लेकर भागी विस पावर कंपनी के लिए काम करने वाले 100 के करीब लीडरों के बयान कमलबंद हो गए हैं। कंपनी में यह लीडर इन्वैस्टरों से सीधे संपर्क में होते हैं जबकि लीडर ही इंवैस्टरों को कंपनी के सारे प्लान समझा कर उन्हें कंपनी में इंवैस्ट करने के लिए तैयार करते हैं। एक लीडर के अंडर आनी वाली टीम में 100 से लेकर 3000 लोगों होतें है जो कंपनी में अपना पैसा इंवैस्टर करते हैं। 

दावा किया जा रहा है कि विस पावर कंपनी द्वारा किया गया फ्रॉड 300 करोड़ से ज्यादा हो सकता है। विस पावर कंपनी की शुरूआत जालंधर से ही हुई थी और पहला ऑफिस भी जालंधर में खुला था। इसके अलावा होशियारपुर और हरियाणा स्टेट में इसकी ब्रांच हैं। कंपनी के लिए काम करने वाले लीडर रजत बहल ने बताया कि उनकी टीम में करीब 3000 लोग शामिल थे और मात्र उनकी टीम के ही 30 लाख से ज्यादा रुपए कंपनी में इंवैस्ट थे। बहल ने भी दावा किया कि इस फ्रॉड में कंपनी में करीब 300 करोड़ रुपए लेकर भागी है।

उधर ए.सी.पी. माडल टाऊन हरिंदर सिंह का कहना है कि पीड़ितों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जल्द ही इस केस में एफ.आई.आर. दर्ज करके कपंनी के संचालक व अन्य स्टाफ की धर पकड़ की जाएगी। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि कंपनी ने कितने पैसों का फ्रॉड किया। जब तक सभी लोगों के ब्यान होंगे तब ही सही राशि बताई जाएगी। बता दें कि पी.पी.आर. माल की तीसरी मंजिल पर स्थित विस पावर कंपनी ने लोगों को गोल्ट किट्टी (कमेटी) के नाम पर अपने साथ जोड़ा हुआ था। प्रति माह लोग यहां पर किस्तें देने आते थे। कंपनी ने दावा किया था कि 11 महीने की ही किस्तें देनी होगी जबकि 12 माह की किस्त कंपनी देगी और उसके बाद इंवैस्टरों को गोल्ड दिया जाएगा या फिर वह कैश भी ले सकते हैं। इसी तरह 1 साल से लेकर 3 साल तक की कंपनी ने स्कीमें रखी हुई थी। जैसे ही कंपनी के पास करोड़ों रुपए इकठ्ठा हुए तो कंपनी के अधिकारियों ने फोन उठाने बंद कर दिए। इंवैस्टर अपने लीडरों के साथ पी.पी.आर. माल स्थित कंपनी के दफ्तर आए उसमें ताले लगे थे। थाना 7 में अब सभी पीड़ितों के बयान दर्ज हो रहे हैं। 

ब्लैक मनी को वाइट करती थी कंपनी
यह कंपनी लोगों की ब्लैक मनी को वाइट में बदलने का काम करती थी। यही कारण है कि इस कंपनी के साथ कुछ ऐसे लोग भी शामिल थे जो सिर्फ रिश्वतखोरी या फिर इसी तरह से कमाए गए पैसे कैश में हर साल इस कंपनी को देते थे, जिसके बदले वह कंपनी से गोल्ड ले लेते थे। सूत्रों की मानें तो कई सरकारी अधिकारी भी इस फ्रॉड का शिकार हुए हैं लेकिन अभी वह खुल कर सामने नहीं आ रहे।

महिला हैड के बैंक अकाऊंट की जांच करे 
सूत्रों के मुताबिक इस कंपनी की जालंधर हैड एक महिला है। इस महिला ने लोगों के पैसों से ही आलीशान कोठी ओर लग्जरी गाडिय़ा खरीद ली। खुद को बचाने के लिए यह महिला अब जुगाड़ लगाने के प्रयासों में लगी हुई है।

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