Edited By Vatika,Updated: 23 Jan, 2019 09:33 AM
नई दिल्ली की रिंग रिंग बैल्ज नाम की कम्पनी के प्लानर को पुलिस ने 72 लाख के फ्रॉड केस में अरैस्ट किया है। पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश करके 2 दिन के रिमांड पर लिया है। जालंधर के बिजनैसमैन संजीव कुमार के बयानों पर कम्पनी के प्रैजीडैंट,...
जालंधर(वरुण): नई दिल्ली की रिंग रिंग बैल्ज नाम की कम्पनी के प्लानर को पुलिस ने 72 लाख के फ्रॉड केस में अरैस्ट किया है। पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश करके 2 दिन के रिमांड पर लिया है। जालंधर के बिजनैसमैन संजीव कुमार के बयानों पर कम्पनी के प्रैजीडैंट, डायरैक्टर सहित 7 लोगों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई थी। थाना-6 के प्रभारी ओंकार सिंह बराड़ ने बताया कि ए.एस.आई. रणजीत सिंह ने गुप्त सूचना पर चुनमुन चौक के नजदीक रेड करके लाखों की ठगी में वांछित राजिंद्र उर्फ राज भाटिया पुत्र दर्शन सिंह निवासी आलमगिरी (लुधियाना) को गिरफ्तार किया है।
पुलिस में दी शिकायत में संजीव कुमार ने बताया था कि वह टाऊन स्थित बाजवा काम्पलैक्स में राघव इंटरप्राइजिज के नाम से कारोबार करते हैं। संजीव कुमार ने आरोप लगाए थे कि 2017 में उन्होंने अपने जानकारों के माध्यम से नई दिल्ली के विकास मार्ग स्थित रिंग रिंग बैल्ज प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी से सम्पर्क किया था। यह कम्पनी मोबाइल व मोबाइल असैसरी बनाने का काम करती है। कम्पनी के सी.ई.ओ., प्रैजीडैंट, डायरैक्टर व प्लॉनर राजिन्द्र भाटिया उर्फ राज भाटिया ने उन्हें सारा प्लान समझाया था। उसने संजीव को झांसा दिया कि अगर वह कम्पनी में सिक्योरिटी के रूप में 11 लाख रुपए जमा करवाता है तो उसे हरियाणा का सी. एंड एफ. एजैंट बनाया जाएगा और उसे एक करोड़ की सेल पर 2 प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा।
इसी तरह अगर वह 40 लाख रुपए जमा करवाता है तो पंजाब की कमान भी सौंप दी जाएगी। संजीव कुमार ने कम्पनी के अधिकारियों के झांसे में आकर 62.60 लाख रुपए कम्पनी के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। काफी समय बीतने के बावजूद कम्पनी ने संजीव कुमार को माल ही नहीं भेजा। बार-बार कॉल करने पर जो माल भेजा गया वह काफी घटिया क्वालिटी का था। उसने जो माल मंगवाया था, उसकी पेमैंट मिला कर कुल 72 लाख रुपए कम्पनी की तरफ हो गए थे। बाद में पता लगा कि कम्पनी के मोबाइल रिपेयर करवाने के लिए सॢवस सैंटर तक नहीं खोले हैं। संजीव ने रिंग रिंग बैल्ज कम्पनी का माल जब मार्कीट में बेचा तो कुछ समय बाद ही दुकानदारों ने भी मोबाइल घटिया कहकर सारा माल उठाने को कह दिया। संजीव ने कम्पनी में बात की तो कम्पनी ने 60 प्रतिशत घाटे पर माल बेचने को कहा लेकिन फिर भी दुकानदारों ने सेल करने से मना कर दिया। संजीव ने कम्पनी से मोबाइल उठाने और सारे पैसे वापस करने की मांग रखी तो कम्पनी के अधिकारियों ने 34 लाख रुपए का चैक दिया लेकिन वह भी बाऊंस हो गया। संजीव द्वारा बार-बार पैसे मांगने पर उसे धमकाया जाने लगा। संजीव ने जालंधर पुलिस को शिकायत दी तो सारी जांच के बाद थाना-6 में कम्पनी के प्रैजीडैंट अशोक चड्ढा, विवेक प्रताप सिंह, धारणा गोयल, डायरैक्टर मोहित गोयल, डायरैक्टर अनमोल गोयल, सुमित व प्लॉनर राजिंद्र उर्फ राज भाटिया खिलाफ अलग-अलग धाराओं अधीन केस दर्ज कर लिया था। इंस्पैक्टर बराड़ का कहना है कि बाकी के अन्य नामजद लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।