Edited By Anjna,Updated: 18 Jan, 2019 07:46 AM
नगर निगम के बिल्डिंग इंस्पैक्टर से उलझने के बाद जेल की सलाखों के पीछे गए पूर्व मेयर सुरेश सहगल ने अपने वकीलों के माध्यम से वीरवार को दोबारा रैगुलर बेल की एप्लीकेशन लगाई है मगर अदालत सुरेश सहगल के मामले में सख्त दिखाई दे रही है।
जालंधर (रविंदर): नगर निगम के बिल्डिंग इंस्पैक्टर से उलझने के बाद जेल की सलाखों के पीछे गए पूर्व मेयर सुरेश सहगल ने अपने वकीलों के माध्यम से वीरवार को दोबारा रैगुलर बेल की एप्लीकेशन लगाई है मगर अदालत सुरेश सहगल के मामले में सख्त दिखाई दे रही है। पूर्व मेयर की जमानत याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख अदालत ने 11 दिन बाद यानी 28 जनवरी की तय की है। तब तक अब हर हाल में सुरेश सहगल को जेल की सलाखों के पीछे ही रहना पड़ेगा। बुधवार व वीरवार की रात सुरेश सहगल की जेल की सलाखों के पीछे ही गुजरी और जेल का खाना ही उन्होंने खाया।
गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को पूर्व मेयर ने ट्रायल कोर्ट में सरैंडर कर दिया था। सरैंडर के साथ ही सहगल ने रैगुलर बेल एप्लीकेशन लगाई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने जमानत याचिका को रद्द कर दिया था और सहगल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मॢसडीज में सरैंडर करने आए सहगल को बाद में पुलिस की गाड़ी में जेल जाना पड़ा था। एक रात जेल में गुजारने के बाद सहगल के वकीलों ने वीरवार को दोबारा रैगुलर बेल ट्रायल कोर्ट में लगा दी है।
सहगल के जेल जाते ही ब्रह्मकुंड मंदिर की जगह पर नगर निगम ने लगाया बोर्ड
पूर्व मेयर सुरेश सहगल के जेल जाते ही नगर निगम के अधिकारी एक्टिव हो गए हैं। उनके जेल जाते ही ब्रह्मकुंड मामले का जिन्न फिर बाहर निकल आया है। इस जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था और पूर्व मेयर का दावा है कि यह उनके बुजुर्गों की जगह है और इस ट्रस्ट पर उनका एकाधिकार है मगर वीरवार को नगर निगम ने इस जमीन पर अपने बोर्ड लगा दिए। मंदिर के बाहर लगे ट्रस्ट के बोर्ड को हटाकर भी निगम ने अपना बोर्ड लगा दिया है। वहीं मंदिर ब्रह्मकुंड ट्रस्ट की ओर से निगम की ओर से लगाए बोर्ड को लेकर डिवीजन नं. 3 थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है। पुलिस ने दोनों पक्षों को अपने कागजात लेकर शुक्रवार को थाने आने को कहा है।