Edited By Mohit,Updated: 13 Dec, 2018 10:03 PM
पंजाब के शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी ने आज मैरीटोरियस स्कूलों के प्रिंसीपलों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करते हुए उन्हें नतीजों में सुधार लाने की कड़ी चेतावनी दी है। बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि खराब नतीजों के लिए प्रिंसीपलों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
जालंधर (धवन): पंजाब के शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी ने आज मैरीटोरियस स्कूलों के प्रिंसीपलों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करते हुए उन्हें नतीजों में सुधार लाने की कड़ी चेतावनी दी है। बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि खराब नतीजों के लिए प्रिंसीपलों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत नतीजे आने चाहिएं तथा प्रिंसीपल व अध्यापकों को लक्ष्य की तरफ अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैरीटोरियस स्कूलों में विद्यार्थियों की गिनती 2017-18 में 5981 थी, जो 2018-19 में बढ़कर 6600 हो गई। ऐसी संभावना है कि अगले शैक्षणिक सत्र में यह गिनती 8000 के पार चली जाएगी। सरकार ने हाल ही में इन स्कूलों में 136 लैक्चरारों को भर्ती किया है। उन्होंने कहा कि 17 कामर्स लैक्चरारों को छोड़कर मैरीटोरियस स्कूलों में अध्यापकों की कमी नहीं है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कामर्स लैक्चरारों के मामले में हाईकोर्ट ने स्टे लगाया हुआ है तथा शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई करने की अर्जी लगाई है, ताकि विभाग इन पदों पर नियुक्तियां कर सकें। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में विद्यार्थियों को एक स्कूल से दूसरे स्कूल में ले जाने की अनुमति दे दी गई है, जिस कारण स्कूल छोडऩे वाले विद्यार्थियों की गिनती नगण्य रह गई है। इसी तरह से सरकार ने टीचिंग व नान टीचिंग स्टाफ के तबादलों को भी मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग से 5 प्रिंसीपलों को डैपोटेशन पर लिया गया है, ताकि इन स्कूलों को प्रभावी ढंग से चलाया जा सके। शिक्षा मंत्री ने प्रिंसीपलों को अपने स्कूलों में विकास कार्यों के लिए टैंडर लगाने की भी अनुमति दे दी। स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रत्येक प्रिंसीपल को हर माह 20 हजार रुपए खर्च करने के अधिकार दिए गए हैं।