Edited By Vatika,Updated: 14 Sep, 2018 12:27 PM
कैप्टन अमरेन्द्र सरकार ने ई-वे बिल की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए करके व्यापार जगत को एक बड़ी राहत प्रदान की है। उक्त शब्द सैंट्रल विधानसभा हलका के विधायक राजिन्द्र बेरी ने कहे।
जालंधर(चोपड़ा): कैप्टन अमरेन्द्र सरकार ने ई-वे बिल की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए करके व्यापार जगत को एक बड़ी राहत प्रदान की है। उक्त शब्द सैंट्रल विधानसभा हलका के विधायक राजिन्द्र बेरी ने कहे।
विधायक बेरी ने कहा कि 4 साल में मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करने की हरेक कोशिश की। इसकी शुरूआत नोटबंदी, गलत तरीके से जी.एस.टी. लागू करने से हुई व इनकी नीतियों से देश में महंगाई रिकार्ड तोड़ रही है। केंद्र सरकार ने ई-वे बिल सिस्टम को लागू करने के दौरान व्यापारियों की हर मुश्किलों को जान-बूझकर दरकिनार कर दिया। परंतु मुख्यमंत्री ने प्रदेश के व्यापारियों से वायदा किया था कि उनकी दिक्कत का वह समाधान करेंगे और कै. अमरेन्द्र के दिशा-निर्देशों पर प्रदेश के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने इस वायदे को अमलीजामा पहना दिया है।
विधायक बेरी ने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस के प्रधान राहुल गांधी ने मोदी सरकार से मांग की थी कि पैट्रो पदार्थों को जी.एस.टी. के दायरे में लाया जाए। तब धमेन्द्र प्रधान ने कहा कि ऐसा करने से दामों में कुछ फर्क नहीं पड़ेगा, परंतु कांग्रेस के देशभर में शुरू किए आंदोलन और चुनावी वर्ष व लोगों के गुस्से को देख अब भाजपा नेता बोल रहे हैं कि पैट्रोल-डीजल को जी.एस.टी. के दायरे में लाने पर विचार हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण अडवानी, वित्त मंत्री अरुण जेतली किसी से उन्होंने कभी कोई सलाह नहीं ली, परंतु अब कुछ माह बाद देश की जनता मोदी सरकार को अपनी राय देने को तैयार बैठी है।