ई.डी. से लेकर नार्कोटिक्स क्राइम ब्यूरो का वांटेड था तस्कर देव

Edited By Anjna,Updated: 21 Jun, 2018 08:21 AM

drugs smuggler

कनाडा में ड्रग्स भेजने के केस में पकड़े गए दविंद्र उर्फ देव के तार अन्य राज्यों के बड़े तस्करों से जुड़े निकले हैं। देव ई.डी. से लेकर नार्कोटिक्स क्राइम ब्यूरो को वांटेड था लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा देकर फरार होता रहा। देव ने पूछताछ में 3 बड़े...

जालंधर (वरुण): कनाडा में ड्रग्स भेजने के केस में पकड़े गए दविंद्र उर्फ देव के तार अन्य राज्यों के बड़े तस्करों से जुड़े निकले हैं। देव ई.डी. से लेकर नार्कोटिक्स क्राइम ब्यूरो को वांटेड था लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा देकर फरार होता रहा। देव ने पूछताछ में 3 बड़े तस्करों के नाम बताए हैं, जिन्हें पकडऩे के लिए काऊंटर इंटैलीजैंस यू.पी, एम.पी., कलकत्ता व पश्चिम बंगाल की पुलिस के सम्पर्क में है। 

रिमांड पर लिए गए दविंद्र देव (कनाडियन सिटीजन)के खिलाफ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व कलकत्ता में भी केस दर्ज हैं। देव बड़े पैमाने पर वहां के तस्करों साथ मिलकर ड्रग्स विदेशों में भेजा करता था। उसके टोरंटो के कमलजीत के अलावा भी विदेशी तस्करों साथ संबंध होने की बात सामने आई है। दविंद्र उर्फ निर्मल उर्फ देव एम.पी., यू.पी. व कलकत्ता की पुलिस को वांटेड है। उसकी तलाश ई.डी. व नार्कोटिक्स क्राइम ब्यूरो को भी थी। देव को ई.डी. में दर्ज एक केस में सी.बी.आई. की स्पैशल कोर्ट ने 6 जून 2017 को पी.ओ. घोषित किया था, जबकि नार्कोटिक्स क्राइम ब्यूरो के एक केस में वह 9 सितम्बर 2017 से भगौड़ा है।

देव की पूछताछ में अलफास, घनशाम व बिलाल नामक बड़े तस्करों के नाम सामने आए हैं, जिनसे सम्पर्क करके वह ड्रग्स खरीदता था। इन तीनों तस्करों की तलाश के लिए पंजाब पुलिस वहां की पुलिस से लगातार सम्पर्क में है। देव ने अभी तक की पूछताछ में बताया कि उसी ने अजीत सिंह को ट्रक में कलकत्ता भेजा था जहां से वह बिलाल से 15 किलो अफीम का सौदा करके आया था। सारी पेमैंट होने के बाद उन्होंने पंजाब आकर 15 किलो अफीम बांट ली थी। 28 मई को त्रिलोचन व गुरबक्श ने शेखां बाजार स्थित एस.आर. कोरियर के यहां सुरिंदर सिंह पुत्र श्रवण सिंह निवासी सिंगरीवाली के नाम का नकली वोटर कार्ड देकर कोरियर करवाया, जिसके लिए उन्होंने 75 हजार रुपए खर्च किए ,लेकिन बाद में कोरियर कैंसल कर दिया।

उसी कोरियर में भेजी गई कड़ाहियों में ड्रग्स था जिसे कैंसल करवाने के बाद उन्हें 75 हजार में से 50 हजार रुपए वापस मिले। अब खुफिया एजैंसियां भी देव से पूछताछ कर सकती हैं। सारे रैकेट को ब्रेक करने के लिए पंजाब पुलिस अन्य राज्यों की पुलिस के सम्पर्क में है ताकि विदेश में भेजे जा रहे ड्रग्स रैकेट साथ जुड़े सभी आरोपियों को पकड़ा जा सके।

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