Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2018 09:09 PM
कमिश्नरेट पुलिस के सी.आई.ए. स्टाफ द्वारा गिरफ्तार किए मैडीकल नशा बेचने वाले भोगपुर के पम्मा मैडीकल हॉल के मालिक परमजीत पम्मा के खाकी से कनैक्शन निकले हैं। पम्मा ने सी.आई.ए. की पूछताछ में भो
जालंधर(वरुण): कमिश्नरेट पुलिस के सी.आई.ए. स्टाफ द्वारा गिरफ्तार किए मैडीकल नशा बेचने वाले भोगपुर के पम्मा मैडीकल हॉल के मालिक परमजीत पम्मा के खाकी से कनैक्शन निकले हैं। पम्मा ने सी.आई.ए. की पूछताछ में भोगपुर व एस.टी.एम. के कुल 4 मुलाजिमों के नाम बताए हैं जिन्हें उसके कारोबार का पता तो था लेकिन जेबें भरने के लिए उन्होंने अपने अधिकारियों को कुछ नहीं बताया।
2 जुलाई को सी.आई.ए. स्टाफ ने भोगपुर के पम्मा मैडीकल हॉल के मालिक परमजीत सिंह पम्मा निवासी वार्ड नंबर-10 भोगपुर समेत राजिंद्र कुमार बॉबी निवासी गुरु नानकपुरा कपूरथला, जतिन नंदा निवासी लोहारा मोहल्ला करतारपुर व एम.आर. सनमदीप सिंह निवासी शहीद बाबू लाभ सिंह नगर को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। अगले ही दिन पम्मा की निशानदेही पर पुलिस ने उसके घर दबिश देकर 5000 नशीली गोलियां बरामद की थीं जबकि गिरफ्तारी के समय उससे 33,200 कैप्सूल व 68 इंजैक्शन बरामद हुए थे। पम्मा ने पूछताछ में बताया कि थाना भोगपुर के खुफिया तंत्र की तरह काम करने वाले 2 हैड-कांस्टेबल तथा एस.टी.एफ. के 2 पुलिसकर्मी अक्सर उसके पास आकर बैठते थे। उन्हें पता था कि 10 रुपए का इंजैक्शन वह 300 रुपए में बेचता था।
भोगपुर में पम्मा मैडीकल के अलावा एक और मैडीकल स्टोर है जिनके मालिकों को नशा बेचने की छूट दी गई थी जबकि अन्य मैडीकल स्टोर्स पर पुलिस रेड करती थी व सख्ती भी की हुई थी। सूत्रों की मानें तो चारों पुलिसकर्मी पम्मा के ठिकाने पर बैठकर शराब, कबाब और शबाब का मजा लेते थे जबकि सारा खर्चा पम्मा करता था। पंजाब केसरी के पास उन चारों पुलिस कर्मियों के नाम हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई न होने के कारण वह नाम प्रकाशित नहीं किए जा रहे। नशे और खाकी के संबंध उजागर न करने के कारण पुलिस इस सारे मामले को दबा रही है जिस कारण अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पम्मा ने यह भी बताया था कि वह हर रोज एक थ्री स्टार (डी.एस.पी. नहीं) अधिकारी को 5 हजार रुपए देता था जिसके बाद जाकर उसे नशा बेचने की परमिशन मिलती थी।
छड्डो भाजी थाने दीयां गल्लां ने!
थाना भोगपुर के प्रभारी सुरजीत सिंह को सारे मामले बारे पता था। उनसे जब बात की तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच उनके पास नहीं है। एस.एच.ओ. बोले कि छड्डो भाजी थाने दीयां गल्लां ने। बैह के गल्ल कर लैंदे आं। हालांकि बार-बार पूछने पर उन्होंने यह जरूर माना कि एक हैड-कांस्टेबल की इस केस के बाद बदली हो गई है जबकि दूसरा मुलाजिम अभी भी भोगपुर थाने में ही है।
मामले का पता नहीं, जांच करवाऊंगा : ए.आई.जी.
एस.टी.एफ. के ए.आई.जी. मुखविंद्र सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बारे उन्हें पता नहीं। ए.आई.जी. ने एस.टी.एफ. के दोनों मुलाजिमों के नाम नोट करके कहा कि वह हर तरह से इसकी जांच करवाएंगे। अगर मुलाजिमों का हाथ हुआ तो एक्शन लेंगे व मामला दबाने वाले भी बख्शे नहीं जाएंगे।
मुझे नहीं है मामले की जानकारी : डी.सी.पी. इंस्वैस्टीगेशन
इस सारे मामले बारे जब डी.सी.पी. इंवैस्टीगेशन गुरमीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे कुछ पता नहीं है। सी.आई.ए. स्टाफ के इंचार्ज अजय सिंह छुट्टी पर हैं जो 5 दिन में वापस आ जाएंगे। उनसे पता करवाया जाएगा। बता दें कि डी.सी.पी. गुरमीत सिंह ने ही इन आरोपियों को पकड़े जाने के बाद प्रैस कान्फ्रैंस करके नशे के सारे कारोबार का खुलासा किया था।