नशे के कारोबार में लिप्त हैं राज्य के हजारों युवा!

Edited By swetha,Updated: 22 May, 2019 09:47 AM

drug smuggling case

पंजाब जो कभी शूरवीरों की धरती कहलाता था और घर-घर दूध, दही, लस्सी की नदियां बहती थीं। फौज में सबसे ज्यादा हिस्सा पंजाबियों का था पर अब पंजाब नशे की दलदल में लगातार धंसता जा रहा है। आबकारी विभाग और पुलिस के लाख प्रयत्नों के बावजूद राज्य में अवैध शराब...

जालंधर(बुलंद): पंजाब जो कभी शूरवीरों की धरती कहलाता था और घर-घर दूध, दही, लस्सी की नदियां बहती थीं। फौज में सबसे ज्यादा हिस्सा पंजाबियों का था पर अब पंजाब नशे की दलदल में लगातार धंसता जा रहा है। आबकारी विभाग और पुलिस के लाख प्रयत्नों के बावजूद राज्य में अवैध शराब का धंधा पैर पसारता जा रहा है।

आलम यह है कि राज्य में लगातार बढ़ती बेरोजगारी व युवाओं में कम होता शिक्षा प्रेम उन्हें ऐसे आपराधिक कामों की ओर अग्रसर कर रहा है। अगर बात जिला जालंधर की करें तो यहां भी हजारों युवा नशे के कारोबार के अलावा अपराध की दलदल में लिप्त होते जा रहे हैं, जिससे युवा बच्चों की मौतों के कारण राज्य के लाखों परिवार बर्बाद हो रहे हैं। अभिभावक भी नशे के कारोबार में बच्चों के लिप्त होने से चिंतित हैं।  अगर पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो सैंकड़ों केस ऐसे अपराधों के दर्ज किए गए हैं जिनमें कम उम्र के युवा शामिल थे लेकिन पुलिस सिर्फ केस दर्ज करके मामला आगे बढ़ाने व सरकारें सिर्फ एक-दूसरी पार्टियों पर दोषारोपण करने तक ही सीमित हैं।

नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस को कड़ा एक्शन लेने की जरूरत : एड. सचदेवा

मामले बारे सी. एडवोकेट मनदीप सिंह सचदेवा का कहना है कि पंजाब में नशे के धंधे में युवाओं का शामिल होना असल में ङ्क्षचता का विषय है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि अपराधियों में पुलिस व कानून का भय कम हो गया है। अक्सर ऐसा देखने में आता है कि अपराधियों की पुलिस के साथ सांठ-गांठ रहती है जिससे वे नशे और अन्य अपराध के कामों को खुल कर अंजाम देते हैं। उन्होंने कहा कि सी. पुलिस अधिकारियों को नशा तस्करों पर कड़ा एक्शन लेने की जरूरत है। 

कैप्टन सरकार क्यों सो रही है कुंभकर्णी नींद में : किशन लाल शर्मा

मामले बारे युवा भाजपा नेता किशन लाल शर्मा का कहना है कि कांग्रेस सरकार के मुखिया कै. अमरेंद्र सिंह ने गुटका साहिब की कसम खाई थी कि एक माह में पंजाब को नशा मुक्त कर देंगे पर उनकी सरकार आने के बाद सैंकड़ों युवक नशे की ओवरडोज से मारे गए हैं। पंजाब में नशा जालंधर से शुरू हुआ था और इसमें एक नेता शामिल था, जिसके आका और पी.ए. ने भी इस नशे के कारोबार से करोड़ों रुपए बनाए हैं। 
उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार कुंभकर्णी नींद सो रही है। पंजाब सरकार के कई विधायक, पार्षद, सरपंच खुद इस नशे के कारोबार में लिप्त हैं, पर हैरानी की बात है कि सरकार आंखें मूंद कर युवाओं की मौत का तमाशा देख रही है। शर्मा ने कहा कि जल्द ही पंजाब में एक जन आंदोलन शुरू किया जाएगा ताकि पंजाब सरकार की नालायकी को सबके सामने लाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में सामाजिक संस्थाओं को साथ लेकर चला जाएगा। उन सारे नेताओं की पोल खोली जाएगी जो अपनी गाडिय़ों में नशा तस्करों को लेकर घूमते हैं और नशे के कारोबार से अपने घर भरते हैं। किशन लाल ने कहा कि वह केंद्र सरकार से अपील करेंगे कि केंद्रीय एजैंसियों की ड्यूटियां लगाकर पंजाब में ऐसे नेताओं के घरों, दफ्तरों और बैंक बैलेंसों की जांच करवाई जाए जो पिछले कुछ समय में अरबों रुपए के मालिक बने हैं।

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