Edited By Bhupinder Ratta,Updated: 13 Jan, 2019 11:36 AM
कान, नाक, गले की विभिन्न बीमारियों के इलाज हेतु अब चिकित्सा के क्षेत्र में कई ऐसी अति आधुनिक तकनीकें उपलब्ध हैं, जिनके परिणाम काफी कारगर साबित हो रहे हैं।उक्त जानकारी सैंट्रल अस्पताल, फुटबाल चौक के प्रमुख एवं वरिष्ठ ई.एन.टी. सर्जन डा. यश शर्मा ने दी।
जालंधर(रत्ता): कान, नाक, गले की विभिन्न बीमारियों के इलाज हेतु अब चिकित्सा के क्षेत्र में कई ऐसी अति आधुनिक तकनीकें उपलब्ध हैं, जिनके परिणाम काफी कारगर साबित हो रहे हैं।उक्त जानकारी सैंट्रल अस्पताल, फुटबाल चौक के प्रमुख एवं वरिष्ठ ई.एन.टी. सर्जन डा. यश शर्मा ने दी।
गत दिनों हैदराबाद में हुई 71वीं नैशनल कांफ्रैंस आफ ई.एन.टी. तथा 14वीं एशिया-ओशियाना कांफ्रैंस में हिस्सा लेकर लौटे डा. यश शर्मा ने बताया कि संयुक्त रूप से हुई इस कांफ्रैंस में भारत, सिंगापुर, ताईवान व आस्ट्रेलिया से लगभग चार हजार डैलीगेट्स ने हिस्सा लिया व आपस में विचार-विमर्श किया। डा. यश ने बताया कि सिंगापुर से आए वरिष्ठ सर्जन डा. डी.एस.सेठी ने जहां दूरबीन से नाक की विभिन्न बीमारियों के इलाज की जानकारी दी वहीं डा. जानकी राम ने दूरबीन से नाक के रास्ते दिमाग की रसौली के इलाज बारे बताया। डा. यश ने बताया कि कांफ्रैंस के दौरान भोपाल के डा. एस.पी. दूबे को ई.एन.टी. सर्जन्स आफ इंडिया का राष्ट्रीय प्रधान जबकि डा. सुधाकर वंदया को अगले चार वर्षों के लिए एशिया-ओशियाना के प्रधान पद
का कार्यभार सौंपा गया।