म्यूनिसीपल लिमिट्स के बाहर CLU चार्जिज को 31 मार्च 2022 तक माफ करने का फैसला

Edited By swetha,Updated: 19 Mar, 2020 12:50 PM

decision to waive clu charges outside the municipal limits by 31 march 2022

सरकार के फैसले से लाखों रुपए बचेंगे : अनिल चोपड़ा

जालंधर(सुनील धवन): पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने चालू वर्ष के बजट में रीयल एस्टेट सैक्टर को उभारने तथा रोजगार के नए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से म्यूनिसीपल लिमिट्स के बाहर चेंज आफ लैंड यूज (सी.एल.यू.) चाॢजज को माफ करने का महत्वपूर्ण फैसला किया। पंजाब मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद विधानसभा में पेश किए गए वाॢषक बजट में ऐलान किया गया कि म्यूनिसीपल लिमिट्स के बाहर सी.एल.यू. चाॢजज को माफ करने का फैसला 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगा। 

कैप्टन सरकार ने इससे पहले 18 अक्तूबर 2018 को एक नीति लागू करके अवैध कालोनियों को रैगुलर करने का फैसला लिया था। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी बनाई थी। सरकार के इस फैसले से राज्य में अवैध रूप से बनने वाली कालोनियों पर रोक लगी तथा साथ ही योजनाबद्ध विकास को बढ़ावा मिला। राज्य में अवैध रूप से बनने वाली कालोनियों पर पूरी तरह से रोक लग सकेगी। उल्लेखनीय है कि पहले अवैध कालोनियों के कारण शहरों का विकास योजनाबद्ध ढंग से नहीं हो पा रहा था। 

सरकार के फैसले से लाखों रुपए बचेंगे : अनिल चोपड़ा 
रीयल एस्टेट सैक्टर से जुड़े प्रमुख कालोनाइजर अनिल चोपड़ा ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि पहले म्यूनिसीपल लिमिट के बाहर अगर किसी ने भी कोई कर्मिशयल इमारत बनानी होती थी या कोई हाऊसिंग प्रोजैक्ट लागू करना होता था तो उसके लिए उन्हें सी.एल.यू. चाॢजज पहले जमा करवाने पड़ते थे।  उन्होंने कहा कि सी.एल.यू. चार्जिज भी काफी अधिक थे, क्योंकि कर्मिशयल या अन्य इमारत बनाने वाले को 10 से 12 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से भुगतान करना पड़ता था। अब उन्हें सी.एल.यू. तो लेना पड़ेगा लेकिन उन्हें पैसों का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। कैप्टन सरकार के इस फैसले से रीयल एस्टेट सैक्टर को उभारने में मदद मिलेगी। 

सही दिशा में उठाया गया कदम : अरनेजा 
इसी तरह से रीयल एस्टेट कारोबार से जुड़े इकबाल सिंह अरनेजा ने कहा कि बजट में सरकार ने सही दिशा में कदम उठाते हुए सी.एल.यू. चाॢजज को माफ किया है। सी.एल.यू. को लागू करने से म्यूनिसीपल लिमिट्स के बाहर इमारतें बनाने वाले को लाखों रुपए की बचत होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर मंदी का है, परन्तु जब मंदी से देश निकलेगा तो निर्माण कार्य शुरू होंगे। इससे इमारतें बनाने वालों को सी.एल.यू. के चक्करों में नहीं पडऩा पड़ेगा। अरनेजा ने कहा कि वैसे भी जब किसी जमीन की रजिस्ट्री हो जाती है तो फिर उस पर निर्माण कार्य करने के लिए सी.एल.यू. लागू करना ही गलत था। 

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