Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 09:37 AM
कैंटर चालक की बहादुरी के कारण ही लंबे समय से ट्रैफिक पुलिस में फैले भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है। बाहरी राज्यों के वाहनों पर ट्रैफिक पुलिस लंबे समय से अपनी नजर रखती आ रही है। जैसे ही किसी भी नाके पर ट्रैफिक पुलिस मुलाजिमों को किसी बाहरी राज्य का...
जालंधर (रविंदर): कैंटर चालक की बहादुरी के कारण ही लंबे समय से ट्रैफिक पुलिस में फैले भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है। बाहरी राज्यों के वाहनों पर ट्रैफिक पुलिस लंबे समय से अपनी नजर रखती आ रही है। जैसे ही किसी भी नाके पर ट्रैफिक पुलिस मुलाजिमों को किसी बाहरी राज्य का वाहन दिखाई दे जाता है तो वह दौड़ कर उस पर टूट पड़ते हैं। कई तरह के चालान का नाम लेकर डराया-धमकाया जाता है और बाद में रिश्वत लेकर छोड़ दिया जाता है।
यू.पी. नंबर के कैंटर चालक के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। जैसे ही कपूरथला जिला की हद पार कर वह परागपुर के पास मैक्डोनाल्ड के पास पहुंचा तो ट्रैफिक पुलिस ने उसे घेर लिया। चालान का डर दिखाकर उससे 200 रुपए ऐंठ लिए गए। ऐसे ही जब यू.पी. नंबर का यह कैंटर पी.ए.पी. चौक पहुंचा तो उसे फिर घेर लिया गया। मगर कैंटर चालक की बहादुरी यह रही कि रिश्वत देने के बाद वह मौके से कैंटर लेकर नहीं गया बल्कि उसने किसी तरह से जालंधर पुलिस के हैल्पलाइन नंबर को खोजा। पुलिस का हैल्पलाइन नंबर मिलते ही उसने सारी बात पुलिस कमिश्रर प्रवीण सिन्हा को बताई। पुलिस कमिश्रर ने तुरंत प्रभाव से एक्शन लेते हुए ए.डी.सी.पी. गौतम सिंगला की ड्यूटी लगाई।
कैंटर चालक ने भी पुलिस अधिकारी को पूरा साथ देते हुए तुरंत प्रभाव से पी.ए.पी. चौक के बीट बॉक्स में जाकर रिश्वत लेने वाले पुलिस अधिकारी व मुलाजिमों की पहचान कर ली। अमूमन पुलिस का नाम सुनते ही आम जनता शिकायत करना तो दूर उनके पास भी नहीं फटकती, मगर जिस बहादुरी से कैंटर चालक ने पहले पुलिस हैल्पलाइन नंबर को खोजा और पूरी सच्चाई पुलिस कमिश्रर को बताई, उसके लिए वह प्रशंसा का पात्र है। कैंटर चालक के इस तरह ट्रैफिक पुलिस मुलाजिमों का भंडाफोड़ करने की पुलिस कमिश्रर ने भी तारीफ की।