Edited By Vaneet,Updated: 21 Mar, 2020 08:31 PM
जालंधर में जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस के संदिग्ध रोगियों को विशिष्ट पहचान देने के लिए अलग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है...
जालंधर: जालंधर में जिला प्रशासन ने कोरोना वायरस के संदिग्ध रोगियों को विशिष्ट पहचान देने के लिए अलग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे मरीजों के घरों के बाहर स्टीकर लगाए जाएंगे। जिला प्रशासनिक परिसर में जिला कोविड 19 प्रबंधन समूह की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त वरिंदर कुमार शर्मा, पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि की जांच करने के लिए यह कदम शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की पहल के अनुसार, होम क्वारैंटाइंड किए गए संदिग्ध रोगियों के घरों में मरीजों के नाम, पिता का नाम, संगरोध की अवधि, संगरोध अवधि के अलावा, यदि कोई हो, मरीजों और अन्य लोगों का इलाज करते डॉक्टर का एक स्टिकर होगा। अधिकारियों ने कहा कि इस पहल से संदिग्ध रोगियों को समाज के बाकी हिस्सों से अलग करने में मदद मिलेगी, जिससे कोरोना वायरस के प्रसार न हो इसमें मदद मिलेगी। उपायुक्त, पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट रूप से कहा कि लोगों को इस तथ्य से अवगत कराया जाना है कि कोरोना वायरस की जांच करने का एकमात्र तरीका सावधानी बरतना है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने पहले ही इस घातक फ्लू के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए एक बड़ा जागरूकता अभियान शुरू किया है। उन्होंने कोरोना के खिलाफ इस युद्ध में लोगों से सहयोग की मांग की।