वाटर मीटर लगाने की पॉलिसी में कांग्रेस बीच का रास्ता तलाशने लगी

Edited By Sunita sarangal,Updated: 13 Dec, 2019 09:44 AM

congress find middle way in policy of water meter

पॉलिसी लागू भी हो और पब्लिक विरोध भी न करे, पर मंथन शुरू

जालंधर(खुराना): पंजाब सरकार ने सभी शहरों में वाटर मीटर पॉलिसी लागू करने हेतु निगमों को जो निर्देश भेजे थे, उनके मुताबिक जालंधर नगर निगम ने अपने पार्षद हाऊस में सरकार द्वारा भेजी गई वाटर मीटर पॉलिसी को पास कर पुन: सरकार पास भेज दिया है। चूंकि पंजाब सरकार ने अपनी वाटर मीटर पॉलिसी में 5 मरले तक फ्री पानी लेने वालों की सुविधा को वापस लेकर लगभग सभी घरों पर वाटर चार्ज लागू कर दिए हैं परंतु कांग्रेसियों को डर सता रहा है कि जब तक यह वाटर मीटर पॉलिसी लागू होनी शुरू होगी तब तक पंजाब में विधानसभा चुनावों का दौर शुरू हो जाएगा। अगर ऐसे में पब्लिक पर वाटर चार्ज का बोझ डाला गया तो कांग्रेस को चुनावी नुक्सान उठाना पड़ सकता है।

इसे देखते हुए जालंधर में कांग्रेस ने वाटर मीटर पॉलिसी को पब्लिक फ्रैंडली बनाने हेतु मंथन शुरू कर दिया है, जिसके चलते मेयर जगदीश राजा की अध्यक्षता में एक बैठक निगम परिसर में हुई, जिस दौरान निगम कमिश्नर तथा चीफ इंजीनियर ए.एस. धालीवाल के अलावा सीनियर डिप्टी मेयर सुरिन्द्र कौर, डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी तथा इस मामले में बनाई गई सब कमेटी के सदस्य पार्षद बलराज ठाकुर, पार्षद जगदीश दकोहा, पार्षद निर्मल सिंह निम्मा तथा पार्षद डा. सुनीता रिंकू भी उपस्थित हुए। बैठक दौरान वाटर टैक्स विभाग के सुपरिंटैंडेंट मनीष दुग्गल तथा अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि शहर में वर्तमान में चल रहे वाटर कनैक्शनों का पूरा ब्यौरा आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाए ताकि पता चल सके कि किस श्रेणी के लोग कितना पानी इस्तेमाल कर रहे हैं।
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प्रॉपर्टी टैक्स डिफाल्टरों की 5 सम्पत्तियां सील
नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स विभाग ने डिफाल्टरों पर कार्रवाई तेज करते हुए मॉडल टाऊन व नकोदर रोड पर 5 सम्पत्तियों , जिनके मालिकों ने टैक्स अदा नहीं किए थे, को सील कर दिया। मौके पर 1.62 लाख रुपए का टैक्स भी वसूला गया।

दिल्ली की तर्ज पर फ्री पानी का सुझाव भी आया
बैठक दौरान मेयर जगदीश राजा ने सुझाव दिया कि जिस प्रकार दिल्ली सरकार सभी निवासियों को 20,000 लीटर पानी प्रति माह फ्री दे रही है और उससे ज्यादा प्रयोग करने वालों से पूरी खपत के चार्ज लिए जाते हैं। या तो यह फार्मूला अपनाया जा सकता है या फिर सभी को प्रति माह 10,000 लीटर पानी फ्री देकर उसके आगे जितना पानी प्रयोग हो उसके चार्ज लिए जा सकते हैं। बैठक दौरान विभिन्न सदस्यों ने अपनी-अपनी ओर से सुझाव दिए।
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हाईकोर्ट के मुताबिक भी जरूरी है पॉलिसी
बैठक दौरान उपस्थित निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा का कहना था कि नहरी पानी को शहर तक लाकर उसे पीने योग्य बनाने के सर्फेस वाटर प्रोजैक्ट हेतु एशियन डेवलप्मैंट बैंक सैंकड़ों करोड़ का साफ्ट लोन इस शर्त पर देगा कि शहर में 100 प्रतिशत पानी की मीटरिंग होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने जानकारी दी कि कुछ साल पहले एक याचिका के आधार पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने निर्देश जारी किए थे कि शहरों में वाटर मीटर पॉलिसी लागू की जाए। यह आदेश पिछली सरकार के समय आए थे परंतु उस सरकार ने पॉलिसी लागू करने का समय बढ़ा दिया। अब इस सरकार को अदालती निर्देशों का पालन करना ही होगा अन्यथा संबंधित पक्ष द्वारा कंटैम्प्ट पटीशन दायर की जा सकती है।

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