Edited By Anjna,Updated: 20 Jan, 2019 10:16 AM
सिविल अस्पताल की पहली मंजिल स्थित ब्लड बैंक से रक्त दिलाने का झांसा देकर 500 लेने वाले नौसरबाज को स्टाफ ने काबू कर प्राइवेट सुरक्षा कर्मचारियों के हवाले किया व प्राइवेट सुरक्षा कर्मचारी ने खुद कानून हाथों में लेकर उसके मुंह पर थप्पड़ मारे और उसे...
जालंधर (शौरी): सिविल अस्पताल की पहली मंजिल स्थित ब्लड बैंक से रक्त दिलाने का झांसा देकर 500 लेने वाले नौसरबाज को स्टाफ ने काबू कर प्राइवेट सुरक्षा कर्मचारियों के हवाले किया व प्राइवेट सुरक्षा कर्मचारी ने खुद कानून हाथों में लेकर उसके मुंह पर थप्पड़ मारे और उसे थाना-4 की पुलिस के हवाले कर दिया। डा. बी.आर. अम्बेदकर ब्लड डोनर्ज एसो. के प्रधान जङ्क्षतद्र मट्टू ने बताया कि उन्हें किसी का फोन आया कि पूजा नामक महिला को ए-नैगेटिव ब्लड की जरूरत है तो वह तुरंत अस्पताल पहुंचे।
ब्लड बैंक से पता चला कि पूजा के परिजनों से किसी ने ब्लड दिलाने के बदले पहले 1500 रुपए मांगे और बाद में सौदा 500 रुपए में हुआ। कुछ देर के बाद नौसरबाज एक युवक को लाया और उसका ब्लड डोनेट करवाकर चला गया, लेकिन पूजा व डोनर का क्रॉस ब्लड मैच न होने के चलते पूजा को रक्त नहीं चढ़ाया जा सका। उन्हें कॉल आई तो उन्होंने डोनर का प्रबंध करवा दिया। मटटू ने बताया कि देर शाम बार-बार कॉल करने पर 500 रुपए लेने वाला युवक अस्पताल वापस लौटा और रक्त के बदले लिए पैसे उनके सामने पूजा के परिजनों को दिए। ब्लड बैंक वालों ने अपनी बदनामी से बचने के लिए युवक को पुलिस के हवाले कर अगली कानूनी कार्रवाई करने की सोची।
जानकारी के अनुसार काबू युवक बूटा पिंड का निवासी है व सिविल अस्पताल के नशा छुड़ाओ केन्द्र से पहले से ही नशा छोडऩे हेतु दवाई का सेवन कर रहा है। थाना-4 में तैनात ए.एस.आई. जगदीश सिंह का कहना है कि युवक से लिखित में माफीनामा लेकर उसे छोड़ दिया गया है, क्योंकि पुलिस को किसी ने शिकायत नहीं दी।
आरोपी की पैरवी करने पहुंची पत्नी
वहीं रात करीब 9.30 बजे आरोपी युवक की पत्नी सिविल अस्पताल पहुंची और मारपीट करने वाले प्राइवेट सुरक्षा कर्मचारी पर बरसते हुए बोली कि क्या उसे थप्पड़ मारने का अधिकार था। इतना ही नहीं, पत्नी ने मीडिया कर्मियों पर समाचार प्रकाशित करने का दबाव बनाया। उसका कहना था कि उसके पति ने पैसे ही वापस कर दिए तो फिर कार्रवाई किस बात की?