पंजाब केसरी सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस की ओर से करवाई जा रही प्रतियोगिता में खेले जाएंगे 11 राऊंड

Edited By swetha,Updated: 12 Nov, 2018 11:43 AM

chess championship

द ग्लेरिया डी.एल.एफ . मॉल में पंजाब केसरी सैंटर ऑफ  चैस एक्सीलैंस की ओर से करवाई जा रही 7वीं नैशनल एमैच्योर चैस चैम्पियनशिप के दूसरे दिन 2 राऊंड खेले गए। ‘पंजाब केसरी’ सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस की यह कुल 13वीं प्रतियोगिता हैं। इस 7 दिवसीय प्रतियोगिता...

जालन्धर(स.ह.): द ग्लेरिया डी.एल.एफ . मॉल में पंजाब केसरी सैंटर ऑफ  चैस एक्सीलैंस की ओर से करवाई जा रही 7वीं नैशनल एमैच्योर चैस चैम्पियनशिप के दूसरे दिन 2 राऊंड खेले गए। ‘पंजाब केसरी’ सैंटर ऑफ चैस एक्सीलैंस की यह कुल 13वीं प्रतियोगिता हैं। इस 7 दिवसीय प्रतियोगिता में कुल 11 राऊंड खेले जाएंगे। इस मौके पर पंजाब स्टेट चैस एसोसिएशन और जालंधर चैस एसोसिएशन के सैक्रेटरी मनीष थापर, राजिंद्र शर्मा, चीफ  आॢबटर विपनेश भारद्वाज, डिप्टी चीफ  आर्बिटर अमित शर्मा, कीॢत शर्मा, कंवरजीत सिंह, संजीव शर्मा, चंद्रेश बख्शी, अनुराग भारद्वाज और भरत भूषण आदि उपस्थित थे। अलग-अलग राज्यों से आए टॉप रेटिड प्लेयर भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं।  

पहले से ज्यादा टफ  हुआ कम्पीटिशन : रामप्रकाश 
इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे पंजाब के रामप्रकाश की रेटिंग सबसे ज्यादा है। 39 वर्षीय रामप्रकाश की वर्तमान रेटिंग 2142 है। रामप्रकाश पिछले 23 सालों से चैस खेल रहे हैं। उनका कहना है कि आज खिलाडिय़ों के पास बहुत सारी सुविधाएं मौजूद हैं। बच्चों के पास नई टैक्नोलॉजी आ गई है। वह पहले से ज्यादा स्मार्ट हो गए हैं। इस टूर्नामैंट में कम्पीटिशन पहले से ज्यादा टफ  हो गया है। छोटी उम्र के खिलाड़ी भी अपने से बड़ी उम्र और ज्यादा रेटिंग वाले खिलाडिय़ों को हरा रहे हैं। अब चैस में उम्र नहीं गेम देखनी चाहिए। 

चीफ  आर्बिटर भारद्वाज ने दिए खिलाडियों को टिप्स
इस कम्पीटिशन में चीफ आॢबटर विपनेश भारद्वाज का कहना है कि ‘पंजाब केसरी’ सैंटर ऑफ  चैस एक्सीलैंस बड़ा ही अच्छा काम कर रहा है। नॉर्थ इंडिया में जालंधर चैस का एक सैंटर बन कर उभरा है। आस-पास के शहर के लोग भी यहां आसानी से आ सकते हैं। पंजाब केसरी द्वारा लगातार इतने सारे कम्पीटिशन करवाए जाते हैं। इससे खिलाड़ी को अपनी गेम सुधारने का मौका भी मिला है। इस मौके पर उन्होंने खिलाडियों के लिए विनिंग टिप्स भी दिए।

*पेरैंट्स की कोशिश होनी चाहिए कि वे अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा टूर्नामैंट में पार्टीसिपेट करवाएं जिससे बच्चों की प्रैक्टिस भी होगी और वह ज्यादा से ज्यादा सीखने को मिलेगा। खिलाडियों के बेसिक क्लीयर और मजबूत होने चाहिएं, ताकि वह अच्छे से गेम को समझ कर आगे बढ़े। 

*खिलाडियों को जल्दी रिएक्ट नहीं करना चाहिए, उन्हें पहले विरोधी खिलाड़ी की चाल को सोच-समझ कर अपने दिमाग में गेम की एक तस्वीर बना लेनी चाहिए ताकि उन्हें ये पता रहे कि अगर वह कोई चाल चलते हैं तो उनकी गेम पर क्या असर होगा।

*गेम पर अच्छे से ध्यान देना चाहिए। 

*खिलाड़ी का शारीरिक रूप से स्वास्थ्य होना जरूरी है, इससे वह मानसिक रूप से मजबूत होगा और खेल पर अपना ध्यान लगा पाएगा।

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