Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Feb, 2018 05:32 PM
पंजाब मंत्रिमंडल में प्रस्तावित विस्तार से पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मध्य एक और बैठक संभवित है। मुख्यमंत्री के नजदीकी सूत्रों से पता चला है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अगले कुछ दिनों में...
जालंधर(धवन): पंजाब मंत्रिमंडल में प्रस्तावित विस्तार से पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मध्य एक और बैठक संभवित है। मुख्यमंत्री के नजदीकी सूत्रों से पता चला है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अगले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अपना एजैंडा तैयार कर लेंगे, जिसे वह राहुल गांधी के सामने रखेंगे।
कांग्रेसी हलकों ने बताया कि 27 फरवरी तक लुधियाना कार्पोरेशन के चुनावी नतीजे आ जाएंगे। इसलिए माना जा रहा है कि 25 फरवरी के बाद कैप्टन अमरेन्द्र सिंह कभी भी दिल्ली जाकर राहुल गांधी से मिलेंगे, जिसमें पंजाब मंत्रिमंडल विस्तार की रूपरेखा तय कर ली जाएगी। मंत्रीमंडल विस्तार संभवत: मार्च के पहले सप्ताह में हो जाएगा क्योंकि 8 मार्च तक पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब विधानसभा का बजट सत्र भी बुलाया जा सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार के समय किन विधायकों को मंत्री बनाया जाना है, उसके बारे में भी राहुल गांधी की सहमति ले ली जाएगी। राहुल गांधी से मुलाकात के समय पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी मौजूद रहेंगे।
बताया जाता है कि मंत्रिमंडल विस्तार के समय कैप्टन द्वारा पिछले 10 वर्षों के दौरान वफादारी को मुख्य रूप से आधार बनाया जा सकता है। जो कांग्रेसी नेता कैप्टन के संकटकाल के दौरान वफादारियां बदलते रहे हैं, उनका स्थान मंत्रिमंडल में लगना मुश्किल दिखाई दे रहा है। अनेकों कांग्रेसी ऐसे थे, जो 2012 में कांग्रेस को बहुमत न मिलने के बाद कैप्टन का साथ छोड़ गए थे। अमृतसर लोकसभा सीट से जब कैप्टन ने चुनाव लड़ा था, उस समय भी अनेकों कांग्रेसी अंदरखाते उनका विरोध करते रहे। इन कांग्रेसियों के बारे में भी कैप्टन को पूरी जानकारी है। मंत्रिमंडल विस्तार द्वारा कैप्टन पंजाब मंत्रिमंडल में ही अपनी स्थिति को और मजबूत बनाने चाहेंगे।कांग्रेसी हलकों ने बताया कि वरिष्ठता को तो मंत्रिमंडल विस्तार के समय आधार बनाया ही जाएगा, परन्तु साथ ही एक-दो युवा चेहरों को भी कैप्टन द्वारा अपने मत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है। अगर इन युवा चेहरों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा न भी दिया गया तो उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा तो दिया जा सकता है। इसी तरह से मालवा, माझा व दोआबा क्षेत्रों में संतुलन भी स्थापित किया जाना है।