Edited By swetha,Updated: 24 Mar, 2019 10:27 AM
लोकसभा चुनावों की घोषणा के बावजूद भी पंजाब भाजपा में आजकल कुछ अच्छा नहीं चल रहा हैं। आपसी अहम टकराने का असर कर्मठ कार्यकर्ताओं पर पड़ता नजर आने लगा है।
जालंधर(राहुल, गुलशन): लोकसभा चुनावों की घोषणा के बावजूद भी पंजाब भाजपा में आजकल कुछ अच्छा नहीं चल रहा हैं। आपसी अहम टकराने का असर कर्मठ कार्यकर्ताओं पर पड़ता नजर आने लगा है। एक और लंबे समय से शांत बैठे कुछ टकसाली नेता विभिन्न माध्यमों से सक्रिय हो गए हैं। मोदी को दोबारा पी.एम. बनाने के अभियान में अपनी सक्रियता दिखाने के चक्कर में कई स्थानों पर आपसी वैचारिक टकराव के भी समाचार हैं। जमीनी पकड़ के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने का क्रम भी निर्बाध गति से जारी है।
सोशल मीडिया पर 2 पूर्व जिलाध्यक्ष अरुण शर्मा व रमेश शर्मा जो वर्तमान में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं, को पार्टी से पदमुक्त किए जाने के समाचार चर्चा का विषय बने रहे। उक्त दोनों नेता मिशन मोदी अगेन पी.एम. में भी सक्रिय हैं और इन्हें पूर्व मंत्रियों का संरक्षण भी प्राप्त है। इस संबंध में भाजपा पंजाब का शीर्ष नेतृत्व कोई भी प्रतिक्रिया देने से टलता नजर आया जबकि कुछ नेताओं ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि प्रदेश संगठन एन.जी.ओ. में सक्रिय हुए नेताओं के प्रति सख्त हुआ है।
विभिन्न दबाव माध्यमों से समझाने-बुझाने के प्रयासों के पश्चात कई नेताओं से कह दिया गया कि दायित्व मौखिक आदेशों पर वापस लिया जा रहा है और उन्हें विभिन्न संगठनात्मक कार्यों से भी दूर रखा जा रहा है।यह आपसी द्वन्द्व कब तक जारी रहता है, इसका चुनावों पर क्या असर होगा, यह तो आगामी समय ही बताएगा, पर इससे अधिकतर कार्यकर्ताओं ने किसी गुटबाजी में फंसने की बजाय विभिन्न कार्यक्रमों से दूरी बनानी शुरू कर दी है जिसका प्रमाण अतीत में हुए विभिन्न कार्यक्रमों में घटता संख्याबल है।