Edited By Suraj Thakur,Updated: 19 Feb, 2019 03:34 PM
2 फरवरी 1986 को नकोदर स्थित गुरुद्वारा साहिब में पांच पावन स्वरूपों की बेअदबी को लेकर सिख संगत में रोष था।
जालंधर(कमलेश): 33 साल पहले नकोदर में पुलिस की गोली से शहीद हुए चार सिखों के मामले में पीड़ित परिवारों ने आज इंसाफ की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में आखिर बादल साहिब किन दोषियों को बचाना चाहते हैं? पीड़ित बलदेव सिंह, करमजीत कौर और राजविंदर कौर ने मुख्यमंत्री से इंसाफ की गुहार लगाते हुए कहा कि गोली चलाने का आर्डर देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
क्या है मामला...
2 फरवरी 1986 को नकोदर स्थित गुरुद्वारा साहिब में पांच पावन स्वरूपों की बेअदबी को लेकर सिख संगत में रोष था। 4 फरवरी को पावन स्वरूपों की संभाल को लेकर जा रही सिखों पर पुलिस ने गोली चला दी। इस घटना में चार सिख नौजवान मारे गए थे, जिनमें भाई रविन्द्र सिंह लित्तरां, भाई बलधीर सिंह रामगढ़, भाई झिलमण सिंह और भाई हरमिन्द्र सिंह चलूपर शामिल थे। इस घटना को 33 साल हो चुके हैं और उस समय पंजाब में अकाली दल की सरकार थी। पीड़ित परिवारों ने कहा कि घटना की जांच के लिए जस्टिस गुरनाम सिंह जांच कमिशन घटित किया गया था। बहबल कलां और कोटकपूरा में घटी घटनाओं में अब जब पंजाब पुलिस के एसएसपी रहे चरणजीत सिंह शर्मा और आईजी परमराज सिंह उमरानंगल को गिरफ्तार किया जा चुका है तो नकोदर गोलीकांड को लेकर जिम्मेदार पुलिस अफसरों व अन्य अधिकारियों के विरुद्ध केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
एसआईटी गठित की जाए...
पीड़ित परिवार ने यह भी मांग कि जांच रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले भी यह रिपोर्ट 2001 में चोरों की तरह विधानसभा में पेश की गई थी। जब रिपोर्ट पेश की गई तब मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल थेष इस रिपोर्ट में पंजाब के पुलिस अधिकारियों की ओर अंगुलियां उठती थी लेकिन रिपोर्ट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित परिवारों ने इस मामले में एसआईटी गठित किए जाने की मांग की है।