EXCLUSIVE: महानगर में धड़ल्ले से घूम रही हैं शोर मचाती बाइक्स

Edited By Vatika,Updated: 23 Jun, 2018 10:24 AM

air pollution

महानगर पहले ही वायु व ध्वनि प्रदूषण से परेशान है। इस बीच महानगर में रॉयल एनफील्ड की संख्या भी तेजी से बढऩे लगी है जिनमें लोग और खासकर युवा वर्ग कम्पनी का साइलैंसर चेंज करवाकर तेज आवाज वाला एग्जॉस्ट लगवा लेते हैं जिसके शोर से दूसरे लोगों को परेशानी...

जालंधर(रविंदर): महानगर पहले ही वायु व ध्वनि प्रदूषण से परेशान है। इस बीच महानगर में रॉयल एनफील्ड की संख्या भी तेजी से बढऩे लगी है जिनमें लोग और खासकर युवा वर्ग कम्पनी का साइलैंसर चेंज करवाकर तेज आवाज वाला एग्जॉस्ट लगवा लेते हैं जिसके शोर से दूसरे लोगों को परेशानी होती है। ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए कभी पुलिस तो कभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चेतावनी जारी की जाती है, तो कभी-कभार इक्का-दुक्का कार्रवाई की जाती है, मगर सख्ती से पालन न पुलिस करवा पा रही है और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड। कुछ महीने पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आदेश जारी किया था कि तेज आवाज व पटाखे वाला साइलैंसर लगाने वाले मोटरसाइकिलों को जब्त किया जाएगा और वाहन मालिक के खिलाफ केस भी दर्ज किया जाएगा। विभाग ने इक्का-दुक्का मामलों में कार्रवाई की और फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। महानगर में अवैध साइलैंसरों वाली बाइक्स पर कब और कितना एक्शन होता है, इस पर पंजाब केसरी की विशेष रिपोर्ट..। 

केस स्टडी-1
लवली यूनिवर्सिटी की स्टूडैंट मोनिका मुखीजा पी.जी. में रहती है। वह रोज पैदल ही अपने कॉलेज जाती है। उनका कहना है कि तेज आवाज निकलती हुई बाइक्स जब पास से गुजरती है तो कई बार सामान तक हाथ से छूटकर गिर जाता है, बेहद डर लगता है। उनके पड़ोस में रहने वाले बुजुर्ग हार्ट पेशैंट भी मोहल्ले में घूमने वाली इन बाइक्स के शोर से परेशान हैं। 


केस स्टडी-2
मॉडल टाऊन में रहने वाले मार्कीटिंग प्रोफैशनल दिलीप कहते हैं कि रोज सुबह-सुबह कई तेज आवाज वाले साइलैंसर लगे बुलेट मोटरसाइकिल उनके इलाके से गुजरते हैं जिनके शोर से रोज ही उनका डेढ़ साल का बेटा बेहद डर जाता है। कई बार देर रात में ये लोग शोर मचाते हुए निकलते हैं। 

केस स्टडी-3
बेहद तेज आवाज निकालने वाले ये मोटरसाइकिल जब तेज रफ्तार में अचानक किसी स्कूटर या बाइक सवार के पास से गुजरते हैं तो एक्सीडैंट भी हो जाता है। बस्ती गुजां के रहने वाले मनीश कुमार का कहना है कि 2 बार उन्हें चोट लग चुकी है। रॉयल एनफील्ड की सवारी करने वाले अपने मोटरसाइकिल को मोडिफाई करवाने में भी काफी आगे रहते हैं। इनमें सबसे ज्यादा जिस पार्ट को बदलवाया जाता है, वह है साइलैंसर या एग्जास्ट सिस्टम। रायल एनफील्ड बाइक्स के एग्जास्ट की आवाज में और ज्यादा थंडर लाने के लिए लोग कम्पनी का ओरिजनल साइलैंसर निकलवाकर उसकी जगह मार्कीट में मौजूद अलग-अलग किस्म के साइलैंसर लगवाते हैं। इनमें से कुछ की आवाज तो इतनी तेज होती है कि सामने चलने वाले हर नागरिक को इससे परेशानी होती है। 


क्या कहता है कानून 
कानून के मुताबिक किसी भी गाड़ी में मोडीफिकेशन किया जाना गलत है, क्योंकि जब कोई कम्पनी मार्कीट में गाड़ी उतारती है तो उसकी लंबाई-चौड़ाई से लेकर इंजन और एमीशन तक को कई लैवल पर टैस्ट पास करना होता है। उसके बाद ही उसे बेचने का सर्टीफिकेट दिया जाता है। पुलिस इस मामले में आर.सी. वायलेशन के चालान काटती है। 


 

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