Edited By Sunita sarangal,Updated: 28 Feb, 2020 10:25 AM
टैस्ट देने आए आवेदकों को झेलनी पड़ी परेशानी, एजैंट कूट रहे चांदी
जालंधर(चोपड़ा): ऑटोमेटिड ड्राइविंग ट्रैक पर लोगों के लिए ऑनलाइन लाइसैंस की सुविधा आवेदकों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। वीरवार को एक बार फिर से ट्रैक सॉफ्टवेयर में खराबी आने से लॄनग व ड्राइविंग लाइसैंस के ट्रायल का काम 3 घंटों से ज्यादा समय तक ठप्प रहा। सुबह करीब 10 बजे ही सैंटर पर काम शुरू होते ही सॉफ्टवेयर में दिक्कत आ गई। सॉफ्टवेयर बंद रहने के कारण बस स्टैंड नजदीक ड्राइविंग ट्रैक पर लाइसैंस बनाने को लेकर आवेदकों की लंबी कतारें लग गईं। जिस कारण दूर-दराज के इलाकों से आए आवेदकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
आवेदकों को इस सॉफ्टवेयर के ठीक होने को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट न होने के चलते उन्होंने ट्रैक कर्मियों से अपना रोष भी जताया क्योंकि बड़ी तादाद में लोग ट्रैक के पास अपने दोपहिया व चारपहिया वाहनों को लेकर मजबूरीवश काम शुरू होने का इंतजार करते रहे। ट्रैक के पास बैठने की कोई सुविधा नहीं होने के कारण कई आवेदक तो थकहार कर जमीन या वाहन पर ही बैठ इंतजार करते रहे। लोगों का कहना था कि वे अपने काम-धंधों को छोड़कर लाइसैंस बनवाने को आए हैं परंतु यहां कोई भी बताने को तैयार नहीं है कि आज सॉफ्टवेयर ठीक होगा भी या नहीं, अगर होगा तो कब तक होगा।
आशिमा, रश्मि, नीतू व अन्यों ने बताया कि वह कॉलेज से छुट्टी लेकर सुबह से ही लाइनों में खड़े हैं, पहले उन्हें नहीं बताया कि ट्रैक टैस्ट का सॉफ्टवेयर खराब है। संदीप, विशाल व अन्यों ने कहा कि उन्हें इंतजार करते 2 घंटे हो गए हैं परंतु अब जब तक सॉफ्टवेयर ठीक नहीं होगा तब तक उन्हें मजबूरीवश इंतजार करना पड़ेगा। दोपहर 1 बजे के करीब सॉफ्टवेयर ठीक हो सका जिसके उपरांत ही लाइसैंस बनवाने को लेकर ट्रैक टैस्ट की प्रक्रिया को शुरू किया गया। ट्रैक इंचार्ज मनिन्द्र सिंह ने बताया कि आज सॉफ्टवेयर में खराबी सैंटर से ही हुई है जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है परंतु समूचा स्टाफ आज आए सभी आवेदकों के टैस्ट करवाएगा।
सैक्रेटरी आर.टी.ओ. डा. नयन जस्सल जनता की परेशानियों से बेखबर
सैक्रेटरी आर.टी.ओ. डा. नयन जस्सल ऑटोमेटिड ड्राइविंग सैंटर पर जनता को आ रही दिक्कतों से पूरी तरह से बेखबर है। हालात इतने बदतर हैं कि जब से उनकी तैनाती जिले में हुई है तब से सैक्रेटरी आर.टी.ओ. ने कभी सैंटर का औचक दौरा नहीं किया और न ही उन्होंने अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह करते हुए ट्रैक पर आकर जनता की परेशानियों की जानकारी लेने का प्रयास किया। इसके चलते सैंटर व ट्रैक पर एजैंटों की खूब चांदी हो रही है।
हालात इतने बदतर हैं कि लोगों के लाइसैंस बनवाने को लेकर सैंटर में दर्जनों की तादाद में ऐसे एजैंट हैं, जोकि सारा दिन वहां सक्रिय रहते हैं और लाइनों में लगे बिना काम जल्दी करवाने की आड़ में आवेदकों को अपने चंगुल में फंसाकर हजारों रुपए वसूल रहे हैं। सैंटर पर अव्यवस्थाओं का आलम इस कदर बिगड़ चुका है कि कई एजैंट लाइसैंस बनवाने को लेकर रोजाना दर्जनों फाइलों को उठाए बेखौफ सैंटर के अंदर कर्मचारियों के कैबिनों व कमरों में दिनभर तैनात रहते हैं। सैंटर के बाहर खड़े एजैंट गिरोहों के माध्यम से आवेदकों की फाइलें अंदर आती रहती हैं और वह काम उन फाइलों को क्लीयर करवा कर बाहर भेजते रहते हैं।
वी.एस.के.आर. अक्षरों वाले एजैंटों का तो इस कदर खौफ चलता है कि ट्रैक पर तैनात कर्मचारी उनके कामों को रोकने की हिम्मत तक जुटा नहीं पाते। एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन एजैंटों को कुछ नेताओं व अधिकारियों का संरक्षण हासिल है जिस कारण उन्हें मजबूरीवश ऐसे एजैटों का काम करना पड़ता है। परंतु हैरानीजनक है कि सैक्रेटरी आर.टी.ओ. के सारा मामला ध्यान में होने के बावजूद इस गोरखधंधे व लोगों के साथ मचाई जा रही लूट पर वह जानबूझ कर आंखें मूंदे हुए हैं। विजीलैंस विभाग भी पूरी तरह से पंगू बना हुआ है और कुछ कर्मचारियों और एजैंटों के मध्य चल रहे नैक्सेस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।