सी.बी.आई. के इंस्पैक्टर बनकर ठगियां मारने वाले 3 गिरफ्तार

Edited By Sunita sarangal,Updated: 23 Oct, 2019 08:45 AM

3 arrested for cheating by becoming inspector of cbi

करतारपुर, भुलत्थ, बेगोवाल, फगवाड़ा, होशियारपुर, टांडा इलाकों के व्यापारियों को बनाया था निशाना

करतारपुर(साहनी): सैंट्रल ब्यूरो ऑफ इंटैलीजैंस (सी.बी.आई.) के सब-इंस्पैक्टर बनकर दुकानदारों, सड़क किनारे गुड़ बनाने वालों, छोटे खुदरा व्यापारियों, दूध-पनीर का काम करने वाले व भोले-भाले लोगों को डरा-धमका कर पैसे ऐंठने वाले गिरोह के 3 मैंबरों को स्थानीय पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया है, जबकि इनके 2 साथी जिनमें एक महिला भी शामिल है, फरार बताए जा रहे हैं। 

इस संबंधी डी.एस.पी. सुरिन्द्र पाल धोगड़ी व थाना प्रभारी इंस्पैक्टर राजीव कुमार ने प्रैस कॉन्फ्रैंस कर बताया कि गत 20 अक्तूबर को ठगी करने वाले एक गिरोह की उन्हें शिकायत मिली जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और इसी दिन नाकाबंदी के दौरान जंडे सराय रोड पर ए.एस.आई. परमिन्द्र सिंह ने मोटरसाइकिल पर आ रहे एक व्यक्ति को काबू कर लिया, जिसकी पहचान जसपाल सिंह उर्फ सुंदरी पुत्र सरवन सिंह वासी गांव नारू नंगल होशियारपुर के रूप में हुई है। उक्त व्यक्ति अपने साथियों के साथ खुदरा व्यापारियों व दुकानदारों से ठगी कर पैसे ऐंठ रहा था और करीब एक लाख से ज्यादा ये पैसे इकट्ठे करके आपस में बांट भी चुके थे। पूछताछ के दौरान इसने अपने 2 और साथियों की जानकारी दी जिन्हें पुलिस ने रेड कर घर से काबू कर लिया।

डी.एस.पी. ने बताया कि इस गिरोह ने यह काम अभी नया ही शुरू किया था और गत 15-20 दिनों में करतारपुर, भुलत्थ, बेगोवाल, फगवाड़ा, होशियारपुर, टांडा इलाकों में 8 गुड़ बनाने वालों, 10 से 15 दुकानदारों, 2 कैमिस्ट, 3 दूध-पनीर विक्रेता से रेड के नाम पर पैसा ऐंठा है। अब इनका अगला निशाना एक ट्रैवल एजैंट था जिसकी ये रेकी कर चुके थे परंतु समय रहते पुलिस की पकड़ में आ गए। वहीं, सब-इंस्पैक्टर परमिन्द्र सिंह ने कहा कि जसपाल सिंह ने सी.बी.आई. का जाली पहचान पत्र बनाया और खुद को सब-इंस्पैक्टर विक्रम राठौर बताया था जबकि इसके साथी गुरमेज सिंह उर्फ लक्की पुत्र अवतार सिंह ने सब-इंस्पैक्टर विजय चौहान व गुरमीत सिंह उर्फ गोपी पुत्र बलबीर सिंह ने खुद को सब-इंस्पैक्टर संजय ठाकुर बताया था। उक्त लोगों के पास से एक जी.आर.पी. का पहचान पत्र व एक पिस्तौल जोकि असल में लाइटर है, भी बरामद किया है। वहीं गिरोह की सदस्य महिला और एक व्यक्ति की तलाश में छापामारी जारी है। पुलिस ने आरोपियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। 

अमरीका से डिपोर्ट होकर आए जसपाल ने बनाया था गिरोह
डी.एस.पी. सुरिन्द्र धोगड़ी ने बताया कि जसपाल सिंह अमरीका से डिपोर्ट होकर आया था और अमरीका जाने के लिए काफी पैसा लोगों से ले रखा था, जिस कारण वह लेनदारों के चुंगल से बचने के लिए गांव नहीं जा रहा था। जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में उसने गिरोह बना कर ये ठगी का काम शुरू कर दिया। ये गिरोह के सदस्य एक कार (नं. पी.बी.07 बी.आर.1780) जोकि गुरमेज सिंह की बताई जा रही है, में सूट-बूट व टाई लगा कर जाते थे और लोगों को डरा-धमका कर पैसे ऐंठ लेते थे।

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