Edited By Updated: 31 Aug, 2016 10:28 AM
भारत की 100 वर्षीय मान कौर का जज्बा साबित करता है
नई दिल्ली/चंडीगढ़ः भारत की 100 वर्षीय मान कौर का जज्बा साबित करता है कि जीतने की लगन हर बाधा दूर कर सकती है। चंडगीढ़ की मान कौर ने वेनकुवर में चल रहे अमरीकन मास्टर्स गेम्स में तीन स्वर्ण जीते हैं।
शॉटपट, जेवलिन और 100 मीटर रेस में मान ने जीत दर्ज कर ब्रिटिश कोलंबिया में तिरंगे को सांतवे आसमान पर पहुंचाया है। 100 मीटर दौड़ में मान इस उम्र की महिला श्रेणी में अकेली प्रतिभागी थीं। दौड़ खत्म करने पर 70 से 80 साल उम्र के दूसरे सहभागियों ने मान का स्वागत किया।
मान ने 1.21 मिनट में रेस पूरी की। सुत्रों अनुसार मान ने 93 की उम्र में बेटे की जिद पर खेलना शुरू किया अौर 2 स्वर्ण विश्व मास्टर्स एथलेक्सि 2014 में जीते। मान 20 से अधिक पदक जीत चुकी हैं।
मान कौर कहती हैं कि पदक जीतकर बेहद खुश हूं। हम किसी भी उम्र में खेल सकते हैं। महिलाओं को खेलों में आना चाहिए, इसके लिए खानपान पर नियंत्रण रखना चाहिए। बढ़ती उम्र में चलते फिरते रहने से बीमारियां दूर होती हैं।
मान कौर के बेटे गुरुदेव ने बताया कि वह हर रोज आधा घंटा सैर करती हैं। वह खानपान का भी पूरा ख्याल रखती हैं। उनको घुटनों मे दर्द, दिल की कोई बीमारी भी नहीं है इस लिए गुरदेव ने ही उन्हें खेलने के लिए प्रेरित किया।
दुनिया के अलग-अलग देशों में बुजुर्गों के लिए मास्टर्स गेम्स होते हैं। इसमें हिस्सा लेने वालों की न्यूनतम उम्र 30 साल होती है। हर दो साल के अंतराल में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स का भी आयोजन होता है।