Edited By Updated: 09 Jan, 2017 02:43 PM
विधानसभा क्षेत्र पायल की अपनी अनूठी पहचान है।
विधानसभा क्षेत्र पायल की अपनी अनूठी पहचान है। यह क्षेत्र धार्मिक और राजनीतिक कारणों के कारण दूर-दूर तक प्रसिद है। इस क्षेत्र से संबंधित क्षान सिंह राड़ेवाला पैप्सु , जबकि बेअंत सिंह पंजाब के मुखयमंत्री रहे है। उस समय से लेकर आज तक यह क्षेत्र राजनीति के लिए मशहूर माना जाता है। इसके अतिरिक्त पायल शहर सैंकड़ों वर्ष पुराना और ऐतिहासिक होने के कारण प्राचीन मंदिरों के गढ़ के रूप में विख्यात है। इसके अतिरिक्त छठे और दसवें गुरु की चरणों की छोह ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री देगसर कटाना साहिब और ऐतिहासिक गुरुद्वारा दमदमा साहिब दोराहा गांव भी पायल क्षेत्र में ही स्थित हैं। इसके इलावा राड़ा साहिब संप्रदाय का ऐतिहासिक गुरुद्वारा करमसर राड़ा साहिब भी स्थित है।
वहीं पायल क्षेत्र के विधायक और पंजाब विधानसभा के स्पीकर डा. चरणजीत सिंह अटवाल का दावा है कि यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के मामले में बहुत पछड़ा हुआ था व चुनाव के समय लोगों के साथ किए वायदों व विकास कार्यों को काफी हद तक पूरे कर दिए है। दरबेश राजनेता के तौर पर व दूखीयों के मसीहा के रूप में सामने आए डा. अटवाल द्वारा दोराहा के भगवान महावीर कुष्ठ आश्रम, जो दोराहा नीलों 4 लेन बनने के कारण ढह ढेरीे कर दिया गया था व वहां रहते अनेकों कुष्ठ रोगियों के परिवार बेघर हो गए थे, के रहने के लिए रामपुर रोड पर नए आधुनिक कुष्ठ आश्रम का निमार्ण करवाकर उनकों छत प्रदान करवाई। इसके अतिरिक्त पिछले 12 वर्षों से दोराहा शहर की बंद पड़ी रजिस्ट्रियां सरकार बनने के तीन मांह में शुरू करवाकर शहर निवासियों को बड़ी राहत प्रदान की। पायल में यायिक कोर्ट की स्थापना के पशचात 2 न्यायाधीशों की नियुक्ती,मलौद को बलाक का दर्जा, जरग में नर्सिंग इंसीचियूट बनेने की प्रवानगी. मलौद में आईटीआई की स्थापना व तीन प्रमुख शहरों दोराहा, पायल व मलौद में गंदे पानी की निकासी के लिए सीवरेज ट्रीटमैंट प्लाांट लगाए गए। इसके अलावा डा. अटवाल ने क्षेत्र में तहसील कल्याण अधिकारी और उप-विभाजन खाद्य व स्लाई अधिकारी के द नए पदों की मंजूरी दिलवाई, बहीं गांवों व शहरों में राजनीतिक गुटबंदी खत्म करने के भरपूर प्रयास किए।
दावो की हकीकत
करोड़ों रुपए लगाकर पायल क्षेत्र के तीनों प्रमुख शहरों दोराहा, पायल व मलौद में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा तो दिए गए है व कई नए क्षेत्रों में लाइनें बिछाने का काम भी चल रहा है और कई प्लांट चल भी रहे हैं, लेकिन गंदे पानी की निकासी कीं समस्या ने गंभीर रूप धारण करा हुआ है। कई क्षेत्रों में सीवरेज औवरलोढ होने के कारण सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों की घटीआ कार्यगुजारी है। निर्वाचन क्षेत्र में अवैध कब्जे की बाढ़ के कारण यहा के निवासियों को गंभीर प्रेशानीयां झेलनी पड़ रही हैं।