Edited By Sunita sarangal,Updated: 11 Oct, 2019 10:25 AM
जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम ने द यूनाइटेड इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी लि. को जली बस का क्लेम न देने पर पीड़ित को जले वाहन की बीमा राशि, हर्जाना व खर्चा सहित 9.65 लाख रुपए देने का आदेश दिया।
होशियारपुर(अश्विनी): जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम ने द यूनाइटेड इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी लि. को जली बस का क्लेम न देने पर पीड़ित को जले वाहन की बीमा राशि, हर्जाना व खर्चा सहित 9.65 लाख रुपए देने का आदेश दिया।
क्या है मामला
गुरमीत सिंह पुत्र गुरबचन सिंह निवासी मोहल्ला विजय नगर ने 1 जून, 2018 को दर्ज शिकायत में कहा था कि उसने स्वराज माजदा लग्जरी कोच बस का बीमा 9 जून, 2016 से 8 जून, 2017 की अवधि तक करवाया हुआ था। शिकायतकर्ता के अनुसार 13 अक्तूबर, 2016 को नितिन कुमार पुत्र हरि कृष्ण निवासी धोबीघाट न्यू शक्ति नगर जो उसका ड्राइवर है, बस चला रहा था। जब बस फगवाड़ा रोड पर रेलवे क्रॉसिंग के निकट पहुंची तो इसमें शॉर्ट सर्किट होने से आग लग गई। ड्राइवर ने जलती गाड़ी से कूद कर अपनी जान बचाई। पुलिस व फायर ब्रिगेड भी तत्काल इस घटना के पश्चात मौके पर पहुंच गए थे। इस दुर्घटना के बारे में बीमा कम्पनी के एजैंट पुनीत धूती को सूचित किया गया। जिस पर वहां सर्वेयर पहुंच गया था।
इसी बीच ड्राइवर नितिन कुमार कमालपुर टैक्सी स्टैंड पर चला गया था व उसकी जगह एक अन्य ड्राइवर परमिन्द्र कुमार मौके पर पहुंच गया था। सर्वेयर ने परमिन्द्र कुमार को अपना लाइसैंस देने को कहा जिस पर उसने लाइसैंस दे दिया। साथ सर्वेयर को स्पष्ट तौर पर यह भी बता दिया कि घटना के समय यह वाहन नितिन कुमार चला रहा था। इस पर भी परमिन्द्र को उसका लाइसैंस वापस न दिया। इस दुर्घटना संबंधी थाना मॉडल टाऊन में 14 अक्तूबर को दर्ज करवाई गई डी.डी.आर. की कापी भी उपलब्ध करवा दी गई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार बस का कुल 22 लाख रुपए का नुक्सान हुआ था, लेकिन बीमा कम्पनी ने क्लेम न दिया।
यह कहा फोरम ने
जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम के प्रधान चरनजीत सिंह व सदस्य राज सिंह ने अपने फैसले में द यूनाइटेड इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी लि. को आदेश दिया कि शिकायतकर्ता को एक माह के अंदर बीमा क्लेम की 9.50 लाख रुपए की राशि व मानसिक प्रताड़ना के लिए 10,000 रुपए की हर्जाना राशि व 5,000 की खर्चा राशि के साथ एक माह के अंदर-अंदर केस दायर करने की तिथि से 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा की जाए।