Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2018 11:36 AM
हैल्मेट हेतु मोटर वाहन नियमों में अपनी मनमर्जी के साथ किए गए संशोधन व घिनौने ढंग से एक सिख महिला की परिभाषा केवल दस्तार बांधने वाली महिला तक सीमित करने के फैसले को चंडीगढ़ प्रशासन बिना देरी किए वापस ले। इन बातों का प्रकटावा जत्थेदार रविंद्र सिंह...
मुकेरियां (नागला): हैल्मेट हेतु मोटर वाहन नियमों में अपनी मनमर्जी के साथ किए गए संशोधन व घिनौने ढंग से एक सिख महिला की परिभाषा केवल दस्तार बांधने वाली महिला तक सीमित करने के फैसले को चंडीगढ़ प्रशासन बिना देरी किए वापस ले। इन बातों का प्रकटावा जत्थेदार रविंद्र सिंह चक्क कार्यकारी सदस्य शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर ने विशेष बातचीत दौरान किया।
उन्होंने कहा कि सिख धर्म की मर्यादा व सिद्धान्तों के अनुसार एक सिख महिला को दस्तार सजानी अनिवार्य नहीं है। यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है कि वह दस्तार सजाए या न सजाए। उन्होंने कहा कि यू.टी. प्रशासन के पास सिख महिला की पहचान को परिभाषित करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने यू.टी. प्रशासन के फैसले को तुगलकी फरमान बताते हुए इसे बिना देरी किए वापस लेने की मांग की ताकि सिख संगत में पैदा हो रहे गुस्से को शांत किया जा सके।