Edited By swetha,Updated: 12 Nov, 2018 02:28 PM
पराली में आग लगने की घटना में आई कमी व दीपावली के अवसर पर भी लोगों में आई जागरुकता की वजह से कम पटाखे चलने से इस बार अभी तक होशियारपुर की फिजाओं में पिछले साल की मुकाबले स्मॉग की मात्रा में कमी देखी जा रही है
होशियारपुर (अमरेन्द्र): पराली में आग लगने की घटना में आई कमी व दीपावली के अवसर पर भी लोगों में आई जागरुकता की वजह से कम पटाखे चलने से इस बार अभी तक होशियारपुर की फिजाओं में पिछले साल की मुकाबले स्मॉग की मात्रा में कमी देखी जा रही है।इतना होने के बाद होशियारपुर की सड़कों पर दौड़ रही खस्ताहाल वाहनों से निकलने वाले धुएं व जगह-जगह पर कूड़े के ढेरों को खुले आसमान के नीचे जलाने से प्रदूषण के स्तर में गिरावट नहीं देखी जा रही है।
रोजाना 25 से 30 हजार वाहन दौड़ रहे सड़कों पर
एक आंकड़े के अनुसार होशियारपुर जिले की सड़कों पर रोजाना ही 25 से 30 हजार वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनमें डीजल से चलने वाले वाहन भी हैं, जो होशियारपुर की हवा को लगातार जहरीली बना रहे हैं। विकास के नाम पर पेड़ों की कटान, शहर में चौतरफा अधाधुंध निर्माण और कूड़े निस्तारण को लेकर सरकारी महकमों की उदासीनता भी प्रदूषण को खतरनाक स्तर पर लेकर आ गई है।
नहीं है एयर क्वालिटी इंडैक्स मापने की मशीन
गौरतलब है कि इस समय होशियारपुर की फिजाओं में प्रदूषण की मात्रा मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडैक्स मापने के यंत्र की सुविधा नहीं है। जिले में जहरीला धुआं उगलती इकाइयां, निर्माण कार्यों से उड़ती धूल और खुले में जलाया जा रहा कूड़ा इसे और खतरनाक बना रहा है। शहर की आबो-हवा जहरीली हो रही है, लेकिन जिम्मेदार विभाग दिनोंदिन गंभीर होती समस्याओं के तरफ से अनजान बने हुए हैं जिससे सांस लेना दिन पर दिन भारी पड़ता जा रहा है।