Edited By swetha,Updated: 04 Jun, 2018 09:57 AM
केन्द्र सरकार ने पैट्रोल तथा डीजल से कंट्रोल हटाकर तेल कंपनियों को देश की आम जनता को लूटने की खुली छूट दे रखी है। तेल की कीमतों में लगी आग के आंच से देश की जनता कराह रही है। पैट्रोलियम पदार्थों की आग उगल रही कीमतों के कारण देश की जनता में हाहाकार...
हरियाना (आनंद): केन्द्र सरकार ने पैट्रोल तथा डीजल से कंट्रोल हटाकर तेल कंपनियों को देश की आम जनता को लूटने की खुली छूट दे रखी है। तेल की कीमतों में लगी आग के आंच से देश की जनता कराह रही है। पैट्रोलियम पदार्थों की आग उगल रही कीमतों के कारण देश की जनता में हाहाकार मची हुई है। आज पैट्रोल पम्पों पर पैट्रोल 83.58 रुपए जबकि डीजल 69.19 रुपए के हिसाब से बिक रहा है।
तेल की बढ़ी कीमतों का खाद्य पदार्थों, बसों-ट्रकों के किराए-भाड़े में वृद्धि व अन्य वस्तुओं पर प्रभाव पडना स्वाभाविक है। इस कारण महंगाई की दर बढना सुनिश्चित है। देश की आम जनता तो पहले ही कमरतोड़ महंगाई की मार से प्रताडित हैं। उक्त शब्द विभिन्न संगठनों की हुई विशेष बैठक में किसान यूनियन के सीनियर नेता सुच्चा सिंह ताजपुर, पब्लिक एंटी करप्शन सोसायटी के चेयरमैन नरिन्द्र पाल शर्मा, समाज सेवी ओंकार नाथ शर्मा ने किया।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार दौरान जितनी दुर्दशा किसानों व आम जनता की हो रही है, उतनी पहले कभी किसी सरकार के दौर में नहीं हुई। अच्छे दिन तो देश की जनता के लिए ख्वाब ही बन कर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रक व बस मालिक तो किराए में बढ़ौतरी करके भरपाई कर लेंगे लेकिन किसान तेल कीमतों की बढ़ी भरपाई कहां से कर पाएगा। ऐसे में किसान अपने कर्जे का बोझ कैसे कम करेगा? किसान आंदोलन भी केन्द्र सरकार की घटिया कारगुजारी का ही परिणाम है।
देश की जनता ने हाल ही में हुए लोकसभा तथा विधानसभा उपचुनावों में भाजपा को करारी शिकस्त देकर अपनी ताकत का अहसास करवा दिया है। उन्होंने कहा कि अब 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में देश की जनता नरेन्द्र मोदी के अच्छे दिनों, बेरोजगारी तथा महंगाई को दूर करने तथा किए गए वायदों पर धारण की गई चुप्पी की तस्वीर मोदी सरकार को पेश कर देगी। उन्होंने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि तेल की कीमतों की तुलना अगर पड़ोसी देशों से की जाए तो वहां भी तेल की कीमतें बहुत कम हैं।