Edited By Vatika,Updated: 16 Dec, 2019 11:19 AM
करतारपुर कॉरीडोर के उद्घाटन से भारत व पाकिस्तान के बीच आवाजाही का एक नया रास्ता खुला है, लेकिन 17 साल के मुबशर बिलाल के लिए कुछ नहीं बदला है।
होशियारपुर(अमरेन्द्र): करतारपुर कॉरीडोर के उद्घाटन से भारत व पाकिस्तान के बीच आवाजाही का एक नया रास्ता खुला है, लेकिन 17 साल के मुबशर बिलाल के लिए कुछ नहीं बदला है। पाकिस्तान के कसूर जिले के वजीरपुर का रहने वाला ये 17 वर्षीय नौजवान बीते साल फरवरी से ही होशियारपुर जुवेनाइल होम में बंद है। करतारपुर गुरुद्वारा पाकिस्तान पहुंच रहे भारतीय श्रद्धालुओं से बिलाल के परिजन यही पूछ रहे हैं कि भारत सरकार कब मेरे बेटे को रिहा कर रही है। दूसरी तरफ जुवेनाइल जेल के सुपरिंटैंडैंट नरेश कुमार का कहना है कि विदेश मंत्रालय की तरफ से रिलीज ऑर्डर आने के बाद ही बिलाल की रिहाई हो सकती है।
बिलाल की रिहाई को लेकर कई संगठन कर रहे है कोशिश
गौरतलब है कि होशियारपुर जुवेनाइल जेल में बंद चल रहे पाकिस्तान के 17 वर्षीय नौजवान अपनी सजा पूरी कर लेने के बाद भी बंद चल रहा है। हालांकि बिलाल की रिहाई के लिए भारत सरकार के साथ-साथ पाकिस्तानी दूतावास भी सक्रिय हैं वहीं पंजाब के कई एन.जी.ओ.के अलावा बठिंडा व चंडीगढ़ के वकीलों ने भी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है।
मार्च 2018 में पाकिस्तान से सीमा पार करके तरनतारन जिले के खेमकरण में गलती से दाखिल होने वाले पाकिस्तानी नौजवान मुबशर बिलाल उर्फ मुबारिक की अपने देश लौटने की उम्मीद जगी है। बठिंडा के एडवोकेट हरपाल सिंह व गुरप्रीत सिंह संधू ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बच्चे को वापिस पाकिस्तान भेजने की मांग की थी। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में 17 दिसम्बर को इस मामले की सुनवाई होनी है। पाकिस्तान के कसूर जिले के गांव वजीरपुर में बिलाल के न सिर्फ माता-पिता बल्कि उसके 5 भाई व 4 बहनें भी पथराई आंखों से बिलाल का इंतजार करने को मजबूर हैं। पाकिस्तान में इस मामले को उठा रहे पत्रकारों के अनुसार बिलाल के पिता मो. अकबर का कहना है कि बिलाल कोई आतंकी नहीं जिसे रिहा करने में इतनी देरी हो रही है। घर से महज 400 मीटर दूर सीमा पार करने के दौरान उसे पता ही नहीं चला कि कब वह भारतीय सीमा में प्रवेश कर गया है।