Edited By Mohit,Updated: 28 May, 2019 10:12 PM
अगर मन में कुछ कर गुजरने का जिद, जज्बा व जुनून आ जाए तो सारी कायनात आपके सपने को साकार करने में बाधा नहीं बन सकती है।
होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): अगर मन में कुछ कर गुजरने का जिद, जज्बा व जुनून आ जाए तो सारी कायनात आपके सपने को साकार करने में बाधा नहीं बन सकती है। कुछ ऐसा ही काम होशियारपुर जिले के मुकेरियां कस्बे के साथ लगते गांव कालामंज के रहने वाले व पंजाब रोडवेज में ड्राईवर प्रवीण भारद्वाज व मां प्रिया भारद्वाज की होनहार बेटी पारुल भारद्वाज ने कर दिखाई है। फ्लाइट लेफ्टिनैंट पारुल भारद्वाज देश की ऐसी पहली महिला पायलट हैं, जिन्होंने एम.आइ.17 वी 5 चॉपर को उड़ाने में कामयाबी हासिल की है। देश में पहली महिला पायलट का इतिहास रच पारुल ने ना सिर्फ अपने छोटे से गांव कालामंज बल्कि होशियारपुर के साथ साथ पंजाब का नाम पूरे देश में रोशन करने का कारनामा कर दिखाई है।
बचपन से ही था आसमान में उडऩे व देशप्रेम का जज्बा
कालामंज गांव में 26 वर्षीया फ्लाइट लैफ्टिनैंट पारुल भारद्वाज के पिता प्रवीण भारद्वाज व मां प्रिया भारद्वाज के साथ भाई दीपांशु भारद्वाज ने बताया कि पारुल का बचपन से ही आसमान में उडऩे व घर में सेना का माहौल देख उसके अंदर सेना में जाने का जज्बा कूठ कूटकर भरा हुआ था। हमें खुशी है कि पारुल ने बचपन में जो सपने देखे थे वह साकार हुआ है। पारुल भारद्वाज अपने को पायलट अमन निधी(झारखंड) व फ्लाइट लैफ्टिनैंट हिना जायसवाल(चंडीगढ़) के साथ मध्यम आकार वाले हेलीकॉप्टर को उड़ाने वाली पहली ऑल वीमन क्रू बन गईं। उन्होंने बैटल इनोक्यूलेशन ट्रेनिंग मिशन के तहत एम.आई.17 वी चॉपर (हैलीकॉप्टर) उड़ाया।
साल 2015 में सातवां रैंक हासिल कर बनी थी पायलट
गौरतलब है कि पारुल भारद्वाज होशियारपुर के श्री गुरु गोबिंद सिंह सीनियर सैकेंडरी स्कूल बेगपुर कमलूह(मुकेरियां) में साल 2010 में मैट्रिक व 2012 में बारहवीं की पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई पंजाब एगरीकल्चर युनिवर्सिटी लुधियाना से एम.एस.सी.की पढ़ाई बायो कैमेस्ट्री में पूरी करने के बाद सेना में जाने का निश्चय कर ली। अजने जिद व जज्बा की बदौलत पारुल ने 42 एस.एस.सी.डब्ल्यू(पी.सी.) पायलट कोर्स करने के बाद 2015 में 7 वां रैंक हासिल कर पायलट बन गई।