Edited By swetha,Updated: 20 Feb, 2019 01:12 PM
किसानों की उपजाऊ भूमि ब्यास दरिया के वहाब में आ जाने से कई गांवों के किसान परेशान हैं। गांव हलेड के सरपंच लायक सिंह, गुरदीप सिंह, अंग्रेज सिंह, नंबरदार गौरव सिंह, अश्विनी कुमार, राजेश कुमार व मनु आदि ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्यास दरिया के...
मुकेरियां(अल्पना): किसानों की उपजाऊ भूमि ब्यास दरिया के वहाब में आ जाने से कई गांवों के किसान परेशान हैं। गांव हलेड के सरपंच लायक सिंह, गुरदीप सिंह, अंग्रेज सिंह, नंबरदार गौरव सिंह, अश्विनी कुमार, राजेश कुमार व मनु आदि ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्यास दरिया के किनारे पड़ते गांव हलेड मंड, मोतला, कोलिया, कुलिया, मेहताब पुर आदि दर्जनों गांवों की उपजाऊ भूमि ब्यास दरिया के किनारों से पानी की चपेट में आ रही है जिस कारण इन गांवों के किसान बेहद परेशान हैं।
किसानों ने बताया कि ब्यास दरिया के किनारे पर बनाए गए स्टड भी पुराने होने के कारण बहाव को नहीं रोक रहे। ग्राम वासियों का कहना है कि 2 वर्ष पहले विभाग के अधिकारियों ने इस क्षेत्र का दौरा किया था तथा आसपास के गांवों के लोगों को यह आश्वासन दिया था कि जल्दी ही पानी से जो उपजाऊ भूमि का कटाव हो रहा है उसको तुरंत रोका जाएगा लेकिन 2 वर्ष बीत जाने पर भी पानी का बहाव विभाग द्वारा नहीं रोका गया।किसानों की मांग है कि उनकी उपजाऊ भूमि को बचाया जाए तथा दरिया के किनारे पर पत्थरों व तारों का जाल बिछाकर पानी को रोका जाए क्योंकि हरसा मानसर से हलेड तक जो बांध लगाया गया है उसकी हालत बेहद खस्ता है। इलाके के किसानों का कहना है कि अगर प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया तो किसान इसके लिए संघर्ष करेंगे।