Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jun, 2018 10:02 AM
राष्ट्रीय किसान महासंघ की मांगों को लेकर 1 से 10 जून तक शहरों में सब्जियों, दूध और हरे चारे की सप्लाई रोकने की घोषणा तहत शुक्रवार को किसानों ने होशियारपुर में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। टांडा चौक में किसानों ने सुबह 6...
होशियारपुर (अमरेन्द्र): राष्ट्रीय किसान महासंघ की मांगों को लेकर 1 से 10 जून तक शहरों में सब्जियों, दूध और हरे चारे की सप्लाई रोकने की घोषणा तहत शुक्रवार को किसानों ने होशियारपुर में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। टांडा चौक में किसानों ने सुबह 6 बजे के करीब गांवों से दूध लेकर शहर आ रहे दूध वालों के गैलन छीन कर बीच सड़क उड़ेल दिए।
वहीं सब्जी मंडी में किसानों ने सुबह से ही मेन गेट को बंद कर किसी भी गाड़ी के अंदर जाने व बाहर आने पर रोक लगा दी। यही नहीं, मंडी में किसानों ने विरोध करने वालों के फलों व सब्जियों के ढेर को भी बिखेरते हुए अपनी नाराजगी प्रकट की। किसानों ने घोषणा की कि अगर शहरी लोग गांव में दूध व सब्जी खरीदने आते हैं तो उन्हें यह उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।
जिला प्रशासन की तरफ से मामले की गंभीरता को देख सुबह से ही मंडी के गेट पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। किसानों ने मांग की कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट जल्द से जल्द सरकार लागू करे। किसानों का कर्ज माफ करने के साथ उत्पादों का वाजिब रेट दिया जाए। उन्होंने कहा कि अब वह मंडी में नहीं जाएंगे,जिन्हें जरूरत है वो उनके पास खुद आएं।
हमारा मकसद सोई सरकार को जगाना
फगवाड़ा रोड पर स्थित सब्जी मंडी में सुबह दोआबा किसान संघर्ष कमेटी के प्रधान मनजीत सिंह राय के नेतृत्व में किसान शीतल सिंह, परमिन्द्र सिंह, मंदीप सिंह, बलवीर सिंह, सतीश कुमार, हरदेव सिंह, जसविन्द्र सिंह, सोनू धुग्गा ने कहा कि संघर्ष कमेटी के निर्णय अनुसार हम लोग सड़क जाम व प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। गांव-गांव जाकर किसानों को इसमें शामिल होने की अपील की जा रही है।
हालांकि लोगों को तकलीफ न हो, इसके लिए यह भी कहा जा रहा है कि अगर शहरी लोग अपनी जरूरत की चीजें खुद उनके यहां आकर लेना चाहें तो वे अपने रेटों के अनुसार उन्हें जरूरत की वस्तुएं दे सकते हैं। हमारा मकसद लोगों को परेशान करना नहीं बल्कि सोई हुई सरकार को जगाना है। किसानों की सबसे बड़ी मांग उन्हें 18,000 रुपए महीना आय सुनिश्चित करवाना है। इसके अलावा हमने यह भी कहा है कि किसानों के समूचे कर्ज को माफ किया जाए।