Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jul, 2018 10:55 AM
करीब 8 साल पहले अपने घर की आर्थिक हालत सुधारने व रोजी-रोटी की खातिर सऊदी अरब गए ब्लाक माहिलपुर के गांव भाम के 37 वर्षीय युवक का शव अमनजोत कौर रामूवालिया के सहयोग से गांव पहुंचने पर ताबूत खोलते ही चीख-पुकार मच गई। परिजनों व रिश्तेदारों का विलाप देख...
माहिलपुर: करीब 8 साल पहले अपने घर की आर्थिक हालत सुधारने व रोजी-रोटी की खातिर सऊदी अरब गए ब्लाक माहिलपुर के गांव भाम के 37 वर्षीय युवक का शव अमनजोत कौर रामूवालिया के सहयोग से गांव पहुंचने पर ताबूत खोलते ही चीख-पुकार मच गई। परिजनों व रिश्तेदारों का विलाप देख भारी तादाद में इकट्ठे हुए लोग भी भावुक हो गए।
प्राप्त जानकारी मुताबिक जगजीत सिंह पुत्र बूटा सिंह निवासी भाम के परिजनों ने बताया कि करीब 8 साल पहले वह अपने सुनहरे भविष्य का सपना लेकर सऊदी अरब की एक कंपनी अरेबियन गल्फ में काम करने के लिए वहां गया था। वहां साल 2015 में उसका एक्सीडैंट हो गया जिससे वह काम से नकारा हो गया। उसकी कंपनी ने न तो सही ढंग से उसका उपचार करवाया और न ही इलाज के लिए उसे वापस इंडिया आने दिया।
वहां की इंडियन एम्बैसी को बार-बार सहायता के लिए गुहार लगाने पर भी उन्होंने कोई सहयोग नहीं दिया। मार्च 2018 को वे पूर्व मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया की बेटी अमनजोत कौर रामूवालिया से मिले, जिनके विशेष सहयोग से जगजीत का 15 जून को वापस इंडिया आने का इंतजाम हो गया था परंतु तबीयत ’यादा खराब होने कारण जगजीत सिंह की 12 जून को ही मौत हो गई, जिसका शव आज ताबूत में बंद होकर अमृतसर हवाई अड्डे से गांव पहुंचा।