Edited By swetha,Updated: 23 May, 2018 02:01 PM
माहिलपुर के आस-पास नाड़ को आग लगाने का सिलसिला निरंतर जारी है, जिसे रोकने के लिए सरकार व प्रशासन की तरफ से सैटेलाइट सिसटम के साथ पूरी तरह सख्ती
माहिलपुर (स.ह.): माहिलपुर के आस-पास नाड़ को आग लगाने का सिलसिला निरंतर जारी है, जिसे रोकने के लिए सरकार व प्रशासन की तरफ से सैटेलाइट सिसटम के साथ पूरी तरह सख्ती की हुई है पर फिर भी किसानों द्वारा कानून को ठेंगा दिखाते हुए रात और दिन के समय बिना किसी डर के नाड़ को आग लगाई जा रही है, जिस पर काबू पाने के लिए प्रशासन वेबस नजर आ रहा है।
पिछले दिनों आई आंधी में आग की घटनाओं में जले पशू, चारा व कीमती समान के जलने के लिए कौन जिम्मेदार है? यह आग आंधी अपने साथ नहीं लेकर आई। यह सब कुछ खेतों में लगाई आग से ही हुआ है। पर फिर भी प्रशासन इस समस्या के लिए गंभीर नहीं है, जो उनकी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।
किसान तो पहले ही कर्ज के नीचे दबे हुए हैं, पर कुछ लोग अपनी उंची पहुंच के बल पर सरेआम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बेशक प्रशासन किसानों को जागरूक करने के लिए सैमीनारों द्वारा नाड़ को आग लगाने से जमीन की फसल उगाने की शक्ति कमजोर होना, ह्रदय रोगों के साथ-साथ चमड़ी, दमा व कैंसर जैसी ला-ईलाज बीमारिओं का होना, धुंए से बच्चों व बजुर्गों की सेहत पर ज्यादा असर पडऩा आदि प्रचार किया जाता है पर इसको अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी कोई नहीं समझता जिसका खमियाजा आने वाली पाढ़ी को भुगतना पड़ेगा।