Edited By Vaneet,Updated: 13 Nov, 2019 05:02 PM
माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार पंजाब सरकार की ओर से उन छोटे व सीमांत किसानों को सहायता राशि प्रदान की जानी है,....
होशियारपुर(जैन): माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार पंजाब सरकार की ओर से उन छोटे व सीमांत किसानों को सहायता राशि प्रदान की जानी है, जिन्होंने धान की पराली को आग न लगाकर इसकी संभाल की है। इस सहायता राशि के लिए पहले पढ़ाव के अंतर्गत जिले के हर ब्लाक में 2 गांवों का चुनाव किया जा रहा है, उसके बाद दूसरे गांवों से प्रार्थना पत्रों की मांग की जाएगी।
जानकारी देते हुए डी.सी. ईशा कालिया ने बताया कि पराली की संभाल करने वाले किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सहायता राशि प्रदान की जा रही है, जिसके लिए कृषि विभाग की ओर से पहले पढ़ाव में हर ब्लाक में 2 गांवों का चुनाव कर प्रार्थना पत्रों की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि दूसरे पढ़ाव में 10 ब्लॉकों के सभी गांवों को कवर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गांव के सरपंच, पटवारी व कलस्टर कोआर्टीनेटर की ओर से वैरीफाई किया जाएगा। इसके बाद इन प्रार्थना पत्रों को सहकारी सभाओं के सचिव की ओर से इस उद्देश्य के लिए बनाई गई वैबसाइट पर अपलोड कर संबंधित एस.डी.एम. को भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि एस.डी.एम. की ओर से पंजाब रिमोर्ट सैंसिंग सैंटर लुधियाना की ओर से आग लगने की रिपोर्टों के अनुसार वैरीफाई करने के बाद डी.सी. कार्यालय भेज दिया जाएगा व इन प्रार्थना पत्रों को कृषि व किसान कल्याण विभाग पंजाब को जरूरी सहायता देने के लिए भेज दिया जाएगा।
ईशा कालिया ने बताया कि जिले में 70 हजार हैक्टेयर रकबे में धान व 5 हजार रकबे में बासमती की बोआई की जाती है। उन्होंने बताया कि जिले के 1449 गांवों में से 96 गांवों में धान, बासमती की काश्त नहीं की जाती। उन्होंने किसानों को फसली चक्र में से निकल कर वैकल्पिक कृषि करने पर जोर देते हुए कहा कि कृषि के साथ-साथ सहायक धंधे भी अपनाए जाएं, ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि पंजाब रिमोट सैंसिंग सैंटर की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार जिले के मात्र 110 गांवों में ही पराली को आग लगाने के मामले सामने आए हैं। जिन्हें 1.90 लाख रुपए जुर्माना किया गया है। उन्होंने किसानों को धान की पराली, अवशेष को आग न लगा कर इसका खेतों में ही प्रबंधन करने के लिए कहा।
उन्होंने बताया कि जिले में 76 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 254 आधुनिक खेती मशीनें, उपकरण उपलब्ध हैं। इसके अलावा व्यक्तिगत तौर पर 46 खेती उपकरण मुहैया करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग की ओर से सहकारी सभाओं को भी कृषि मशीने, उपकरण मुहैया करवाए जा रहे हैं, ताकि किसान पराली को आग लगाने के स्थान पर इसका खेत में ही प्रबंधन कर सकें। उन्होंने कहा कि पराली के प्रबंधन के लिए किसान आधुनिक खेती मशीने, उपकरण फार्म मशीनरी बैंकों से किराए पर ले सकते हैं।