Edited By Updated: 04 Aug, 2015 08:42 AM
हमेशा मौन रहने वाली राधे मां एक बार फिर विवादों में आ गई हैं। खुद को देवी का अवतार बताने वालीं राधे मां के खिलाफ मुंबई में केस दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि राधे मां के देशभर में लाखों भक्त हैं।
मुंबई: हमेशा मौन रहने वाली राधे मां एक बार फिर विवादों में आ गई हैं। खुद को देवी का अवतार बताने वालीं राधे मां के खिलाफ मुंबई में केस दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि राधे मां के देशभर में लाखों भक्त हैं। पंजाब की रहने वाली राधे मां पर मुंबई में केस दर्ज करने होने के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। मुंबई की एक महिला ने उन पर आरोप लगाया है कि राधे मां ने उसे दहेज के लिए मानसिक-शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया है और उनके अनुयायियों ने उसके साथ मारपीट भी की है। उनके कहने पर ही उसके ससुरालवालों ने उसे घर से भी निकाल दिया।
पीड़िता के मुताबिक, 2012 में उसकी शादी मुंबई में हुई थी। उसके ससुराल के लोग राधे मां के अंधभक्त हैं। उनके कहने पर ही उसके ससुरालवालों ने उससे शादी की थी। शादी से पहले ही राधे मां और ससुरालवालों ने अपनी मांग रखनी शुरू कर दी थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है और अगर आरोप साबित हुए तो राधे मां गिरफ्तार हो सकती हैं।
खामोश रहती है राधे मां
कोई राधे मां को दुर्गा का अवतार बताता है तो किसी की नजर में वह साक्षात देवी हैं, जिनके दर्शन मात्र से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं लेकिन इन सब रहस्यों के बीच राधे मां की जुबान हमेशा खामोश रहती है। उनके आश्रम में तेज़ आवाज में मां के जयकारे वाले गीत गूंजते रहते हैं।
खुद को थिरकने से नहीं रोक पाती राधे मां
जब राधे मां को रिझाने के लिए भक्त झूमते हैं तो राधे मां भी खुद को थिरकने से नहीं रोक पाती हैं। भक्तों में राधे मां को खुश करने की होड़ बढ़ती जाती है। कुछ भक्त तो राधे मां के पैर दबाने लगते हैं, तो जिन भक्तों पर राधे मां ज्यादा मेहरबान होती हैं, वो भक्त राधे मां को गोद में उठाकर झूमने लगते हैं, ये सब चमत्कार की आस में होता है।
बॉलीवुड स्टार्स से लेकर बड़े धनकुबेरों तक का लगा रहता है तांता
मुंबई में आलीशान आश्रम में रहने वाली राधे मां के आगे बॉलीवुड के स्टार्स से लेकर समाज के धनकुबेरों का तांता लगा रहता है।
रहस्यमयी दुनिया है राधे मां की
पिछले 10 सालों में जितनी शोहरत राधे मां की बढ़ी है उसी के साथ उनके साम्राज्य का भी विस्तार हुआ है लेकिन ये नाम, ये शोहरत, ये दौलत, ये भक्तों की भीड़ हमेशा से नहीं जुड़ी थी, राधे मां की दुनिया जितनी मायावी है, उतनी ही रहस्यमयी है उनकी राधे मां बनने की दास्तान। उनकी कहानी भारत-पाक सीमा पर बने छोटे से गाव दोरंगला से शुरु होती है।
एक साधारण परिवार में जन्मी राधे मां का असली नाम सुखविंदर है। घर वाले उन्हें प्यार से बब्बो कहते थे। बब्बो को शुरू से ही पूजा-पाठ में बहुत दिलचस्पी थी। पढ़ने में भी बब्बो बहुत तेज थी लेकिन परिवार वालों की मानें तो बब्बो में दैवीय शक्तियां शुरू से ही थीं। उनकी शादी सरदार मोहन सिंह से हो गई और इसके बाद वह दोरंगला से मुकेरिया आ गई। मुकेरिया आऩे के बाद ही बब्बो की जिंदगी ने मोड़ लिया। राधे मां शिव आराधना में लगी रहती थी। यहीं उनकी मुलाकात श्रीश्री 1008 महंत रामदीन दास से हुई और बब्बो ने उन्हें अपना गुरु मान लिया। इसके बाद वह मुकेरिया से कब मुंबई पहुंच गईं और पिछले दस सालों में कब उनके हजारों भक्त हो गए किसी कुछ पता नहीं है। इन सब रहस्यों के राधे मां पर लोगों की आस्था बरकरार है। राधे मां के भक्तों का कहना है कि जब मां मस्त होकर नाचती हैं तो तमाम भक्तों की सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो जाती है और पूरी माहौल तिलिस्मयी हो जाता है।