Edited By Vatika,Updated: 22 Aug, 2018 12:25 PM
बरसात का मौसम, सड़कों पर पानी ही पानी तथा भारी फिसलन, ऐसे में बस चालकों द्वारा चंद रुपयों के लालच में कई जानें तलवाड़ा की सड़कों पर दाव पर लगी नजर आ रही हैं, खासकर सुबह के समय जब विद्यालयों, महाविद्यालयों के छात्र, दफ्तरों के कर्मचारी व दिहाड़ीदार...
तलवाड़ा (अनुराधा): बरसात का मौसम, सड़कों पर पानी ही पानी तथा भारी फिसलन, ऐसे में बस चालकों द्वारा चंद रुपयों के लालच में कई जानें तलवाड़ा की सड़कों पर दाव पर लगी नजर आ रही हैं, खासकर सुबह के समय जब विद्यालयों, महाविद्यालयों के छात्र, दफ्तरों के कर्मचारी व दिहाड़ीदार एक साथ घर से निकलते हैं, उस समय कई बसें ठसाठस भरी नजर आती हैं।
तब खिड़कियों के बाहर लोग इस प्रकार लटके होते हैं कि दूर से देखने पर लगता है यह बस अब गई कि अब गई। ऐसी कई दुर्घटनाएं हो भी चुकी हैं परन्तु फिर भी प्रशासन आंखें मूंद कर किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में है। कुछ बच्चों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि बस कंडक्टर उनसे आधा किराया लेते हैं। पैसे बचाने की खातिर चाहे लटक कर ही सही, वे 15-20 किलोमीटर सफर करते हैं, वह भी जान पर खेल कर। कुछ ऐसा ही कहना ड्राइवरों व कंडक्टरों का भी है कि वे किसी को मजबूर करके नहीं बिठाते, लोग अपनी मर्जी में बैठते हैं। सवाल यह उठता है कि इन बरसाती फिसलन भरी सड़कों पर अगर कोई गंभीर हादसा हो जाए तो कितने घर वीरान होंगे।