सिर पर 50 लाख रुपए कर्ज, फिर भी ‘सेवन समिट्स’ फतह करने का जज्बा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 03:24 PM

rs 50 lakh loan on the head still the sense of seven summits

माउंट एवरेस्ट पर नेपाल व चाइना दोनों तरफ से चढ़ाई पूरी करने वाली भारत की पहली बेटी अनीता कुंडू अब सेवन समिट्स को फतह करने निकलेगी। वह अपनी यह यात्रा अगले महीने मार्च से ही शुरू करने जा रही है। उनका पहला पड़ाव आस्ट्रेलिया का माउंट कॉसीजको रहेगा।...

हिसार(विनोद सैनी): माउंट एवरेस्ट पर नेपाल व चाइना दोनों तरफ से चढ़ाई पूरी करने वाली भारत की पहली बेटी अनीता कुंडू अब सेवन समिट्स को फतह करने निकलेगी। वह अपनी यह यात्रा अगले महीने मार्च से ही शुरू करने जा रही है। उनका पहला पड़ाव आस्ट्रेलिया का माउंट कॉसीजको रहेगा। शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए अनीता कुंडू भावुक हो गई। 

अनीता कुंडू के सिर पर फिलहाल करीब 50 लाख का कर्ज है। यह कर्ज उन्होंने अपना मकान बनाने के लिए नहीं बल्कि पूर्व में एवरेस्ट फतेह करने के लिए बतौर ऋण लिया था। बावजूद इसके जज्बे को सलाम कहेंगे कि वह अब दुनिया के 7 महाद्वीपों में मौजूद 7 सबसे ऊंची चोटियों सेवन समिट्स को फतेह करने का हौसला लिए हुए है। मकसद दुनिया में भारत का परचम लहराना है। वह मानती हैं कि जज्बा और जुनून है तो सब चीज बौनी नजर आती है।

सरकार एडवेंचर पॉलिसी बनाए
अनीता कुंडू कहती हैं कि सरकार को चाहिए कि एडवेंचर के लिए पॉलिसी बनाए। केंद्र में पॉलिसी है तो राज्य भी इस पर काम करें। ऐसा होता है तो एडवैंचर की तरफ युवाओं का रुझान बढ़ेगा। 

लड़की के पास आत्मविश्वास के सिवाय कुछ नहीं होता
अनीता कहती हैं कि युवा जब सुसाइड करता है तो लगता है कि देश कहां जा रहा है। मेरा मकसद है कि मैं देश के युवाओं के लिए काम करूं। लड़कियों के उत्थान के लिए काम करना चाहती हूं। कई बार विपरीत परिस्थितियों में लड़की को जन्म देने वाली मां भी उसे समझ नहीं पाती तथा डगमगा जाती है। एक समय ऐसा आता है जब लड़की के पास सिवाय अपने आत्मविश्वास के कुछ नहीं होता।

26 जनवरी तक पूरी होगी क्लाइंबिंग
अनीता अगले साल 26 जनवरी तक सैवन समिट्स को पूरा कराना चाहती है। इससे पहले उन्होंने 18 मई 2013 को नेपाल की तरफ से माउंट एवरेस्ट को फतेह किया था। 2016 में चाइना की तरफ से चढऩे का प्रयास किया लेकिन भूकम्प के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ा था। इसके बाद आखिरकार उन्होंने 21 मई 2017 को चाइना की तरफ से माउंट एवरेस्ट को फतेह करने में कामयाबी हासिल कर ली।

वहां तालियां नहीं बजती, मौत से सामना होता है
अनीता कुंडू कहती हैं कि दूसरे खेलों में जहां तालियां बजाने के लिए दर्शक होते हैं, वहीं माऊंट क्लाइंबिंग के दौरान सिर्फ मौत से सामना होता है। वहां तालियां बजाने वाला कोई नहीं होता। हौसला और हिम्मत खुद पैदा करनी होती है। जान जोखिम में वहीं इंसान डाल सकता है जिसका जिगरा होता है।

क्या है सेवन समिट्स
दरअसल दुनिया के 7 महाद्वीपों में सबसे ऊंची 7 चोटियों को इसमें शामिल किया गया है। इनमें आस्ट्रेलिया महाद्वीप की कोसीजको व पनकॉक जाया, अफ्रीका महाद्वीप की मिलीमान्जारो, अंटार्कटिक प्लेट की विनसन, यूरेसियन प्लेट की माऊंट एवरेस्ट, नॉर्थ अमरीकन प्लेट की डिनाली, पेसिफिक प्लेट की मौना किआ तथा साऊथ अमरीकन प्लेट की अकांकागुआ शामिल है।

सरकार से नहीं मिली वित्तीय सहायता
इस क्लाइंबिंग पर उनका करीब डेढ़ करोड़ रुपया खर्च होगा। हरियाणा पुलिस में सब-इंस्पैक्टर अनीता कुंडू को मलाल है कि सरकार से उसे प्रोत्साहन नहीं मिला, न वित्तीय मदद मिली और न ही नौकरी में तरक्की दी गई। उन्हें आश्वासन जरूर दिए गए हैं जिन पर आज भी अनीता को भरोसा है कि वे सच होंगे।वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल, खेल मंत्री अनिल विज तथा शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा से मिल चुकी है। सरकार से डी.एस.पी. कैडर मिलने की उम्मीद आज भी पाले हुए हैं। वह कहती है कि सरकार मुझे मेरा हक तो दे। पुलिस के आला अफसरों ने खूब सम्मान दिया है इसलिए इस महकमे को छोड़कर कभी नहीं जाना चाहेगी।

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