Edited By swetha,Updated: 15 Nov, 2018 12:20 PM
नलवा नहर पर 2 प्लाटून पुल व पंजाब-हिमाचल के मध्य बहती चक्की नदी पर प्लाटून पुल न बनने के चलते जहां दर्जनों गांव एक टापू के रूप में कट कर रह गए हैं वहीं पंजाब-हिमाचल के लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर चक्की नदी में एक रस्सी के सहारे किश्ती से आर-पार जा...
पठानकोट(कंवल, आदित्य): नलवा नहर पर 2 प्लाटून पुल व पंजाब-हिमाचल के मध्य बहती चक्की नदी पर प्लाटून पुल न बनने के चलते जहां दर्जनों गांव एक टापू के रूप में कट कर रह गए हैं वहीं पंजाब-हिमाचल के लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर चक्की नदी में एक रस्सी के सहारे किश्ती से आर-पार जा रहे हैं, जो कभी भी किसी हादसे का शिकार बन सकते हैं। सरकार द्वारा यहां स्थाई पक्के पुल बनाने का मामला गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा जिसके चलते लोगों में भारी रोष पाया जा रहा है।
इस संबंध में पूर्व सदस्य जिला परिषद व पूर्व सरपंच पपियाल ठाकुर निर्मल सिंह, अकाली नेता गुरदीप सिंह, पूर्व सरपंच दलजीत सिंह, आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता रामेश्वर सिंह ने कहा कि अबादगढ़ सिम्बली चक्की दरिया पर पक्का स्थाई पुल बनाने की मांग लोग लम्बे अर्से से करते आ रहे हैं। लोगों को सरकार ने पक्का पुल तो क्या बना कर देना था, अस्थाई प्लाटून पुल जो बरसाती मौसम से पहले हटाया था, वह भी अभी तक दोबारा लगाना ही भूल गई है, जिसके चलते लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब व हिमाचल के दर्जनों गांवों के लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर एक किश्ती के जरिए आर-पार आ-जा रहे हैं। सरकार व प्रशासन को जनता की आवश्यकता को समझते हुए चक्की में स्थाई पुल का शीघ्र निर्माण करना चाहिए, नहीं तो जब तक स्थाई पुल नहीं बन जाता प्लाटून पुल बनाया जाना चाहिए।
माइनिंग के कारण उपजाऊ भूमि हो रही बर्बाद
चक्की दरिया में माइङ्क्षनग माफिया का बोलबाला होने के चलते चक्की माइनिंग की भेंट चढ़ी है जिसने सिम्बली, अबादगढ़, नौशहरा नलबन्दा सहित आसपास के दर्जनों गांवों के किसानों की उपजाऊ भूमि भी बर्बाद कर दी है और लगातार अवैध माइङ्क्षनग से अब भी बर्बादी जारी है।