बैंक में हुईं अनियमितताओं की जांच करेगी टीम

Edited By swetha,Updated: 15 Apr, 2019 12:42 PM

the team will investigate irregularities in the bank

हिन्दू को-ऑप्रेटिव बैंक के बढ़े 80 करोड़ रुपए एन.पी.ए. का मसला गंभीर रूप धारण कर गया है। आर.बी.आई. ने इसका संज्ञान लेकर सख्त हिदायतें जारी करते हुए यहां ओ.डी. व सी.सी. (लोन खातों) में ट्रांजैक्शन बंद कर दी है, वहीं सामान्य उपभोक्ता भी अपनी जमा पूंजी...

 पठानकोट(शारदा): हिन्दू को-ऑप्रेटिव बैंक के बढ़े 80 करोड़ रुपए एन.पी.ए. का मसला गंभीर रूप धारण कर गया है। आर.बी.आई. ने इसका संज्ञान लेकर सख्त हिदायतें जारी करते हुए यहां ओ.डी. व सी.सी. (लोन खातों) में ट्रांजैक्शन बंद कर दी है, वहीं सामान्य उपभोक्ता भी अपनी जमा पूंजी में से महज 6 महीनों में एक ही बार 4 हजार रुपए की निकासी करवा सकेगा। इस संबंध में प्रदेश के सहकारिता मंत्री सुखजिन्द्र रंधावा ने बताया कि रजिस्ट्रार के दिशा निर्देश में 2 जे.आर. और एक डी.आर. बैंक की अनियमितताओं की जांच के लिए लगाए गए हैं जो कल से ही बैंक में आकर किस प्रकार से लोन दिया गया है तथा किस प्रकार से भर्ती की गई है, वहीं किन कारणों से 15-15 सालों से डिफाल्टरों के ऊपर रिकवरी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई की जांच करेंगे। 

 उन्होंने कहा कि बैंक के विभागीय अमले ने इस बैंक के डिफाल्टरंों से बातचीत करके उन्हें 8.5 प्रतिशत ब्याज की दर से बनती राशि का 20 प्रतिशत डिपॉजिट करवाने संबंधी कहा गया था, परन्तु इसके अभी तक आपेक्षित परिणाम नहीं आए हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि बैंक में जिन लोगों के पैसे जमा हैं, वे पूरी तरह सुरक्षित हैं तथा लोगों की जमा पूंजी पर किसी प्रकार की आंच नहीं आने दी जाएगी। 
 इसके बाद 400 करोड़ निवेश वाले हिन्दू बैंक की मौजूद विकट स्थिति संबंधी पत्रकारों द्वारा उठाए गए प्रश्रों संबंधी बातचीत करते हुए कैबिनेट मंत्री रंधावा ने कहा कि बैंक को पुन: पैरों पर खड़ा करने हेतु उनका प्रयास अपने सहकारिता विभाग से 50-60 करोड़ की राशि लाकर इस बैंक में निवेश करके बैंक की बदहाल स्थिति को आंशिक रूप से ही सुदृढ़ करके उपभोक्ताओं की पैसों की निकासी संबंधी परेशानियों का हल करना था परन्तु आर.बी.आई. ने अब बैंक खातों में पैसों के जमा करवाने पर भी पाबंदी लगा रखी है। 

सहकारिता मंत्री ने कहा कि अब बैंक अपनी रिकवरी के लिए डिफाल्टरों की प्लैज जमा प्रॉपटी को सेल करने के लिए सरफेसी एक्ट के तहत कार्रवाई तेजी से करने जा रहा है। इस मुहिम में और तीव्रता लाई जाएगी ताकि यथा शीघ्र एन.पी.ए. घटाकर आर.बी.आई. द्वारा लगाई गई उपभोक्ताओं की राशि की निकासी पर पाबंदियों को हटाया जा सके। 

रजिस्ट्रार रिजर्व बैंक को लिखेगा पत्र, डिपाजिट करने की मिले अनुमति
सहकारिता मंत्री रंधावा ने कहा कि बैंक को पुन: शुरू करने के लिए रजिस्ट्रार को-ऑप्रेटिव सोसायटी रिजर्व बैंक की उस रोक को हटाने का प्रयास करेगी, जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति बैंक में डिपॉजिट नहीं करवा सकता है। रोक हटते ही को-ऑप्रेटिव बैंक 50 करोड़ रुपए इस बैंक में जमा करवाकर इसकी सामान्य गतिविधियां शुरू करवाने में मदद करेगा। मात्र 15-20 लोगों द्वारा 80 करोड़ दबाने से 80 हजार लोगों को इसकी सजा नहीं मिलनी चाहिए। 

बैंक में जमा लोगों का पैसा है सुरक्षित : जाखड़  
सांसद जाखड़ ने भी कहा कि बैंक में जमा लोगों का एक-एक पैसा सुरक्षित है क्योंकि  यह उपभोक्ताओं की खून पसीने की कमाई है। बैंक को फिर से पैरों पर खड़ा करके लोगों की बैंक के प्रति विश्वनीयता बहाल की जाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्री रंधावा विशेष रूप से बैंक को चलाने में रुचि ले रहे हैं जो कांटें भाजपाइयों ने इस बैंक की राह में बोए हैं कांग्रेस सरकार उसे एक-एक करके निकालने का प्रयास कर रही है। 

कुछ लोग जा सकते हैं सलाखों के पीछे
सहकारिता मंत्री रंधावा ने जिस प्रकार से को-ऑप्रेटिव विभाग को निर्देश दिए हैं उसके अंतर्गत विभागीय नियमानुसार जो बिल्कुल डिफाल्टर हैं, उनके ऊपर शिकंजा कभी भी कसा जा सकता है। वारंट निकालकर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि अन्य लोगों में संदेश जा सके कि बैंक जिस स्थिति में है अब डिफाल्टरों को लोन वापस करना ही होगा।   

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