आगामी समय में पानी के लिए होंगे युद्ध

Edited By Anjna,Updated: 25 Mar, 2019 11:08 AM

war for water in the coming time

बेशक जिला गुरदासपुर में भूमिगत पानी के गिरते स्तर को सुधारने संबंधी प्रशासन व संबंधित विभाग कई तरह के दावे करते हैं परंतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले पानी दिवस को जिला प्रशासन भूल गया, जबकि इस दिन कार्यक्रम आयोजित कर पानी को बचाने के लिए...

गुरदासपुर (विनोद): बेशक जिला गुरदासपुर में भूमिगत पानी के गिरते स्तर को सुधारने संबंधी प्रशासन व संबंधित विभाग कई तरह के दावे करते हैं परंतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले पानी दिवस को जिला प्रशासन भूल गया, जबकि इस दिन कार्यक्रम आयोजित कर पानी को बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा सकता था। विश्व भर में हर साल 22 मार्च को विश्व पानी दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1960 से भारत तथा पाकिस्तान के बीच पानी को लेकर लड़ाई चल रही है। पंजाब के पूर्व मंत्री सेवा सिंह सेखवां, पंजाब कांग्रेस लेबर सैल के चेयरमैन गुरमीत सिंह पाहड़ा, भाजपा के जिला प्रधान बाल किशन मित्तल तथा कृषि विशेषज्ञ डा. अमरीक सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिस तरह से पानी की समस्या विश्व भर में पैदा हुई है, उससे लगता है कि आने वाले समय में देशों के बीच यदि युद्ध होंगे तो वे जमीन के लिए नहीं बल्कि पानी के लिए होंगे।

पाकिस्तान के साथ पानी को लेकर भारत की लड़ाई वर्ष 1960 से चल रही है। जैसे ही भारत ने रावी दरिया पर रणजीत सागर डैम बनाने की योजना बनाई थी तो पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोर मचाया था कि रणजीत सागर डैम बनने से रावी दरिया का पानी भारत में ही रोक लिया जाएगा जिससे पाकिस्तान की भूमि बंजर हो जाएगी। पानी को लेकर तभी से ही पाकिस्तान से हमारी लड़ाई चल रही है।

विश्व भर में 95 प्रतिशत सागर का पानी नमकीन
अब जम्मू-कश्मीर में बन रहे डैम के संबंध में भी पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोर मचा रहा है। आने वाले समय में मोहल्लों में भी पानी को लेकर लोगों की लड़ाई एक आम बात हो सकती है, इसलिए विश्व पानी दिवस संबंधी आगामी वर्ष से कार्यक्रम जरूर करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि विश्व भर में कुल क्षेत्र के 70 प्रतिशत हिस्से में पानी है, जबकि इसमें से 95 प्रतिशत सागर का पानी नमकीन है। वर्ष 1990 में ही लगभग 50 प्रतिशत पानी के प्राकृतिक स्रोत समाप्त हो गए थे। यदि विश्व भर के पानी को एक जग मान लिया जाए तो इसमें स्वच्छ पानी की मात्रा केवल एक चम्मच के बराबर है, इसलिए हमें पानी को संभालने के संबंध में बहुत ही सतर्क रहना होगा। इस समय हम प्रयोग किए जाने वाले पानी का 69 प्रतिशत पानी कृषि कार्य पर खर्च करते हैं, जबकि उद्योगों में यह प्रतिशत 23 प्रतिशत है। अन्य कार्यों पर 8 प्रतिशत पानी खर्च होता है।

स्वच्छ पानी न मिलने से विश्व में प्रतिदिन 10 हजार बच्चे तोड़ रहे दम
नेताओं ने बताया कि यदि विश्व भर के पानी संबंधी किए सर्वे की जानकारी प्राप्त की जाए तो पता चलता है कि विश्व भर में प्रतिदिन 10 हजार बच्चे जिनकी आयु 5 साल से कम है, केवल इसलिए दम तोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें पीने के लिए स्वच्छ पानी नहीं मिलता है। पूरे एशिया व अफ्रीका में यदि देखा जाए तो अधिकतर इलाकों में पीने वाला पानी प्राप्त करने के लिए महिलाओं को 4 से 6 कि.मी. तक पैदल प्रतिदिन चलना पड़ता है। सेवा सिंह सेखवां ने पानी के महत्व संबंधी अपनी व्यक्तिगत राय प्रकट करते हुए कहा कि एक व्यक्ति बिना खाने के तो एक माह तक जीवित रह सकता है, जबकि पानी के बिना वह मात्र 5 से 7 दिन तक ही जीवित रह सकता है, इसलिए हम समय रहते पानी की बचत संबंधी ठोस कदम उठाएं।

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