माइनिंग का गोरख-धंधा रोकने में पुलिस की कार्रवाई नहीं दिखा सकी रंग

Edited By Vatika,Updated: 11 Dec, 2019 01:35 PM

students and passersby narrowly escape

करीब डेढ़ दशक से पंजाब में रेत-बजरी के चल रहे गोरख-धंधे को रोकने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बावजूद न तो रेत-बजरी के रेट कम हुए हैं और न ही यह गोरख-धंधा पूरी तरह से खत्म हो सका है।

गुरदासपुर(हरमन): करीब डेढ़ दशक से पंजाब में रेत-बजरी के चल रहे गोरख-धंधे को रोकने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बावजूद न तो रेत-बजरी के रेट कम हुए हैं और न ही यह गोरख-धंधा पूरी तरह से खत्म हो सका है। और तो और, इस मामले में पुलिस ने बेशक कई मामले दर्ज किए हैं, परंतु दोषियों को सजा नहीं मिली और जब्त की गई मशीनरी भी संबंधित मालिक आसानी से छुड़वा कर ले जाते हैं। हैरानी की बात यह भी है कि जब ट्रांसपोर्ट अधिकारी, पुलिस विभाग और माइनिंग विभाग रेत- बजरी के अवैध कारोबार से जुड़े ट्रक व ट्रैक्टर-ट्रालियां रेत समेत पकड़ते हैं तो उनके थाने पहुंचने तक उन पर लोड रेत गायब हो जाती है।


मिट्टी की खुदाई करने वालों पर भी दर्ज हुए केस
2019 दौरान अब तक पुलिस जिला गुरदासपुर ने विभिन्न थानों में अवैध माइनिंग के तहत 11 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से & मामले भैणी मीयां खान थाने से संबंधित थे, जबकि 2 मामले दीनानगर थाने में, 1 मामला धारीवाल में, & मामले दोरांगला में, 1 मामला तिब्बड़ और 1 मामला घुम्मण कलां थाने में दर्ज किया गया था। जिले में रेत की अवैध माइङ्क्षनग वाला मुख्य स्थान थाना भैणी मीयां खान के अंतर्गत आने के कारण इस थाने में तो रेत की माइनिंग से संबंधित मामले दर्ज हुए थे, परंतु बाकी थानों में अधिकतर मामले मिट्टी की खुदाई से संबंधित हैं।


कुछ दिनों बाद ही छुड़वा ली जाती हैं जे.सी.बी. आदि
जानकारी के अनुसार पुलिस ने 11 पर्चे दर्ज कर जो वाहन जब्त किए थे, उनमें से अधिकतर वाहन छोड़ दिए गए हैं। यहां तक कि जो मामले अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज हुए थे, उनमें पकड़े गए वाहन, जे.सी.बी. मशीनों और मशीनरी को भी संबंधित मालिक छुड़वाने में सफल हो गए। थाना भैणी मीयां खान में पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पर्चा दर्ज करने बाद 2 आरोपियों को नामजद किया था। इस दौरान पुलिस ने एक जे.सी.बी. और ट्रैक्टर भी जब्त किया था, परंतु बाद में यह सामान अदालत की स्वीकृति से उक्त के मालिकों को दे दिया गया। इसी थाने की पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 2 लोगों के बेड़े, 2 पोकलेन भी जब्त किए थे जिनमें से बेड़े तो पुलिस के पास थाने में मौजूद हैं परन्तु अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए इस पर्चे में शामिल की गई पोकलेन को उनके मालिक छुड़वाने में सफल हो गए। इस कारण पुलिस की कार्रवाई इस कारोबार को बंद करने के मामले में कोई रंग नहीं दिखाई सकी।


क्या कहना है पुलिस प्रमुख का
इस संबंध में जिला गुरदासपुर के एस.एस.पी. स्वर्णदीप सिंह ने कहा कि गुरदासपुर जिले में रेत की माइङ्क्षनग नहीं होती, सिर्फ भैणी मीयां खान में यह मामला सामने आया था, जहां पुलिस ने कार्रवाई कर बाकायदा पर्चे दर्ज किए और मशीनरी भी जब्त की थी। उन्होंने कहा कि माइङ्क्षनग रोकने के लिए पुलिस की सख्ती का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पुलिस द्वारा जिले में मिट्टी की खुदाई भी नहीं होने दी जाती। इस साल दर्ज किए गए पर्चों में अधिकतर पर्चे मिट्टी की खुदाई से संबंधित हैं। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज पर्चों में शामिल वाहनों को छोड़ देने के मामलों में पुलिस प्रमुख ने कहा कि कई बार कुछ लोग किसी की मशीनरी किराए पर ले जाते हैं और बाद में पुलिस के आने पर वे खुद गायब हो जाते हैं, जबकि मशीनरी के असली मालिकों को पता ही नहीं होता कि वे कौन थे, क्योंकि मशीनरी तो चालकों द्वारा ही आगे काम के लिए भेजी जाती है। इसलिए अदालत की सस्वीकृति से पूरी जांच के आधार पर ही किसी वाहन को छोड़ा जाता है। 

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