स्मार्ट कार्ड को लेकर लोगों में पनपी असमंजस की स्थिति

Edited By Mohit,Updated: 06 Feb, 2019 04:33 PM

smart card

भाजपा-अकाली गठबंधन की ओर से अपने कार्यकाल के दौरान शुरू की गई आटा-दाल स्कीम का अब मौजूदा कांग्रेस सरकार की ओर से राजनीतिकरण कर दिया है। पंजाब भर में आटा-दाल स्कीम के तहत स्मार्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसमें.......

पठानकोट (आदित्य, कंवल): भाजपा-अकाली गठबंधन की ओर से अपने कार्यकाल के दौरान शुरू की गई आटा-दाल स्कीम का अब मौजूदा कांग्रेस सरकार की ओर से राजनीतिकरण कर दिया है। पंजाब भर में आटा-दाल स्कीम के तहत स्मार्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसमें फूड सप्लाई विभाग को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए अपने लैवल पर चलाया गया है। जहां स्मार्ट कार्ड को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति पनप रही है, वहीं फूड सप्लाई विभाग ने कहा कि उसे इस संबंध में कोई आफिशियल लैटर नहीं मिला है। 

गौरतलब है कि उक्त स्मार्ट कार्ड के फार्म पंजाब भर में विधायकों की मार्फत कांग्रेसी सरपंचों व वर्करों तक पंहुचे हैं। स्मार्ट कार्ड हेतु भरे गए इन फार्मों प्रति संबंधित विभाग को तो पता ही नहीं है। अब यह फार्म किन लोगों के भरे जाने हैं इस बारे कुछ भी कहना मुश्किल है। पहले आटा-दाल स्कीम के नीले कार्डों की जगह पहले अंगूठा लगाने वाली मशीनों ने ले ली थी, लेकिन अब सरकार ने डिजीटल तकनीक के तहत इस योजना के लाभपात्रों के स्मार्ट कार्ड बनाने का फैसला किया है, जिसके तहत यह स्मार्ट कार्ड बनाए जाने हैं। जानकारों का मानना है कि इस सारे चक्कर में योग्य लाभपात्र राजनीतिकरण का शिकार भी हो सकते हैं। आटा दाल स्कीम के सही मायनों में लाभपात्री इधर-उधर हाथ-पैर मार रहे हैं ताकि वे इस स्कीम से जुड़े रह सकें। 

पर इतना पता है की फार्म भरे जा रहे हैं। जनता में इन फार्मों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि इन फार्मों की वेरीफिकेशन कौन-सा विभाग करेगा। यहां गौरतलब है कि सरकार की ओर से आगामी चुनावों को देखते हुए यह स्मार्ट कार्ड का पता पंजाब भर के विधायकों को सौंप दिया गया है पर लगता है कि कुल मिला कर इस योजना का राजनीतिकरण हो रहा है। यहां वर्णनीय है कि चाहिए तो यह था कि उक्त फार्मों को विभाग की ओर से भरा जाता पर ऐसा नहीं किया गया है।

क्या कहते हैं फूड सप्लाई विभाग के ए.एफ.एस.ओ
इस संबंध में फूड सप्लाई विभाग के ए.एफ.एस.ओ. अजय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें इसकी मार्फत कोई भी विभागीय लैटर प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि शायद इसके लिए जिला उपायुक्त की ओर से कोई टीम बना कर इन फार्मो की वैरीफीकेशन करवाई जाए। फिलहाल इस स्कीम बारे उनके पास कोई जानकारी नहीं है।

क्या कहते हैं विधायक अमित विज
इस संबंध में विधायक अमित विज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उक्त फार्मों की वैरीफिकेशन डी.सी. कार्यालय में पूरी पारदर्शिता से होगी। उन्होंने कहा कि उक्त स्मार्ट कार्डों को बनाने में किसी के साथ बेइंसाफी नहीं होगी, तथा जो इसके योग्य होगा उन्हीं के कार्ड बनाए जाएंगे।

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