Edited By swetha,Updated: 08 Dec, 2018 04:49 PM
ठानकोट कस्बे से करीब 12 से 14 किलोमीटर दूरी पर रावी दरिया पर बनने वाले शाहपुरकंडी (बैराज प्रोजैक्ट) डैम जोकि सन् 2008 में बनना शुरू हुआ था, लेकिन पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर द्वारा कुछ ऑब्जैक्शन और अपनी पानी की मांग को लेकर इस प्रौजेक्ट का काम रुक गया...
जुगियाल/पठानकोट(शर्मा/ शारदा): पठानकोट कस्बे से करीब 12 से 14 किलोमीटर दूरी पर रावी दरिया पर बनने वाले शाहपुरकंडी (बैराज प्रोजैक्ट) डैम जोकि सन् 2008 में बनना शुरू हुआ था, लेकिन पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर द्वारा कुछ ऑब्जैक्शन और अपनी पानी की मांग को लेकर इस प्रौजेक्ट का काम रुक गया था, जिसको अब फिर से दोनों राज्यों की अशंकाओं को दूर करते हुए केद्र की मोदी सरकार द्वारा दोबारा बनाने की मंजूरी देने से पंजाब के किसानों को खेती की सिंचाई के लिए पानी की कमी नहीं रहेगी क्योंकि पाक को व्यर्थ में जाने वाला पानी नहीं छोड़ा जाएगा। वहीं मोदी के इस मास्टर स्ट्रोक से पाक पानी की बूंद-बूंद को तरस जाएगा। वहीं केंद्र सरकार ने 485.38 करोड रुपए की सहायता राशी नाबार्ड के तहत स्वीकृत की है जो जल्द ही पंजाब सरकार को मिल जाएगी।
जानकारी के अनुसार 2715 करोड़ रुपए की लागत से 3 साल में बनने वाले इस प्रोजैक्ट से बहुत से फायदे होने वाले हैं। एक तो जहां इस प्रोजैक्ट से 206 मैगावाट बिजली का उत्पादन होगा, वहीं रावी दरिया पर पहले से बना रंजीत सागर डैम भी अपनी पूरी क्षमता पर चलेगा, जिससे 600 मैगावाट बिजली उत्पादन किया जाएगा क्योंकि अभी अगर रंजीत सागर डैम के चारों यूनिट चलाए जाते है तो पानी रावी दरिया के रास्ते पाकिस्तान को छोडऩा पड़ता है, जिसको अब बचाया जा सकेगा और इसके पानी से जहां पंजाब के किसानों को फायदा मिलेगा, वही जम्मू-कश्मीर के लोग भी इसका फायदा लेंगे।