Edited By swetha,Updated: 23 Oct, 2018 04:14 PM
दशहरा दहन करते समय अमृतसर के जौड़ा फाटक में हुए भयानक रेल हादसे, जिसमें तेज गति से आ रही रेलगाड़ी ने करीब पांच दर्जन दशहरा देख रहे नागरिकों की अपनी चपेट में ले लिया, जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई, को लेकर तीन दिनों बाद भी रूह कांप जाती है। अमृतसर...
पठानकोट(शारदा): दशहरा दहन करते समय अमृतसर के जौड़ा फाटक में हुए भयानक रेल हादसे, जिसमें तेज गति से आ रही रेलगाड़ी ने करीब पांच दर्जन दशहरा देख रहे नागरिकों की अपनी चपेट में ले लिया, जिससे उनकी दर्दनाक मौत हो गई, को लेकर तीन दिनों बाद भी रूह कांप जाती है। अमृतसर दुर्घटना के जख्म अब भी हरे हैं तथा इन्हें भरने के लिए न जाने कितना समय लग जाए क्योंकि कइयों ने अपनों को खोया है। विजयदशमी जैसे पर्व पर इतना दर्दनाक हादसा क्यों नहीं रोका जा सका, इसको लेकर मंथन का दौर जारी है।
अमृतसर रेल फाटक को लेकर हर व्यक्ति के अपने-अपने तर्क हैं। कुछ कह रहे हैं कि रेलगाड़ी चालक ने ट्रैक पर भीड़ क्यों नहीं देखी तथा उसने ब्रेक क्यों नहीं लगाई? कुछ लोग दशहरा आयोजकों को लेकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। पठानकोट व उसके आसपास भी कई रेलवे फाटक ऐसे हैं, जहां रेलगाड़ी आने-जाने पर फाटक बंद व फिर खोले जाते हैं। फाटक बंद होने के बाद भी दोनों दिशाओं में फंसे लोग फाटक के नीचे से खुद को या दोपहिया वाहन को गुजारने का प्रयास करते हैं जो कि कई बार जानलेवा सिद्ध होता है।
क्या कारण हैं कि रेल हादसे बढ़ रहे हैं
आए दिन बढ़ रहे रेल हादसों को लेकर अब ङ्क्षचतन का दौर शुरू हो चुका है कि एक ओर जहां देश में बुलेट ट्रेन चलाने की बात व दावे किए जा रहे हैं, वहीं बढ़ रहे केन्द्र सरकार रेल हादसों को रोकने का पक्का तोड़ नहीं ढूंढ पा रहा है। वहीं सूत्रों का मानना है कि देरी होने पर रेलगाड़ी को समय पर पहुंचाने का विभागीय अमले पर प्रैशर बढ़ रहा है। संभवत: ऐसी ही स्थिति अमृतसर रेल हादसे के समय रही होगी, क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब जौड़ा रेल फाटक के करीब मौत का सफर करने वाली रेलगाड़ी निकली तो उसकी स्पीड 100 कि.मी. प्रति घंटा से ऊपर थी जो दुर्घटना स्थल से महज 3 सैकेंड में ही गुजर गई परन्तु अपने पीछे लाशों का सैलाब छोड़ गई। अब विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि ऐसे रेल हादसों से बचने के लिए रेलवे को रेलवे ट्रैक से नियमित दूरी पर फैंसिंग का कार्य शुरू करना चाहिए ताकि वहां पर भीड़ आदि या किसी व्यक्ति के गुजरने की आशंका कम की जा सके।
क्या कहते हैं आर.पी.एफ. प्रभारी
फाटक के नीचे से गुजरने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने पर जब कैंट स्टेशन स्थित आर.पी.एफ. के प्रभारी प्रांजल बोरा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हादसों को रोकने के लिए उनकी ओर से समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि फाटक बंद होने के बाद जो वाहन चालक फाटक को नीचे से क्रॉस करते हैं उनके खिलाफ रेलवे एक्ट 147 के तहत कार्रवाई कर उन्हें मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता है और उन्हें जुर्माना अदा करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अभी तक उनकी ओर से 82 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें भविष्य में दोबारा से फाटक क्रॉस न करने की हिदायत दी गई है।