Edited By Updated: 07 Oct, 2016 09:41 AM
पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच सरहदी जिले गुरदासपुर में रहने वाले कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा पंजाब की सीमा से सटे गांवों को खाली किए जाने के फैसले को सियासत से जोड़ कर देख रहे हैं।
जालंधरः/गुरदासपुरः पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच सरहदी जिले गुरदासपुर में रहने वाले कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा पंजाब की सीमा से सटे गांवों को खाली किए जाने के फैसले को सियासत से जोड़ कर देख रहे हैं। भारत-पाक के बीच पैदा हुए माहौल, कैग द्वारा राज्य में अनाज गायब होने पर उठाए गए सवालों और राज्य की ताजा सियासी तस्वीर को लेकर हमारे संवाददाता रमनदीप सिंह सोढी से बाजवा ने खास बातचीत की। पेश है बातचीत का पूरा ब्यौरा:-
प्रश्न: कांग्रेस कैग की रिपोर्ट को अनाज घोटाले का नाम दे रही है। आप घोटाला साबित कैसे करोगे?
उत्तर: जिस तरह मैं 6 हजार करोड़ रुपए के ड्रग रैकेट के मामले को हाईकोर्ट में लेकर गया था और मामले की सी.बी.आई. जांच की मांग की थी उसी तरह मैं अनाज घोटाले को भी सुप्रीम कोर्ट लेकर गया हूं, जिसे मेरे वकील सलमान खुर्शीद लड़ रहे हैं। बाजवा ने बताया कि पंजाब के गोदामों में केंद्र सरकार का अनाज पड़ा है, जिसकी खरीद के लिए रिजर्व बैंक हर साल पैसे देता है। मैंने सुप्रीम कोर्ट में कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अपील की है कि पंजाब के गोदामों में पड़े अनाज का घोटाला हो रहा है। मैंने अपील दर्ज करते हुए मांग की है कि इस मामले की सी.बी.आई. जांच होते ही फिजीकल जांच करवाई जाए। मेरा सवाल है कि अगर कैग की रिपोर्ट पर कोल स्कैम खोला जा सकता है, प्रधानमंत्री की जांच हो सकती है तो फिर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और प्रताप सिंह कैरों की जांच क्यों नहीं हो सकती?
प्रश्न: बाजवा साहब, अकाली दल का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ सियासत कर रही है, जबकि असलियत में ऐसा कुछ नहीं है?
उत्तर: अगर अकाली दल इतना ही सच्चा है तो वह सी.बी.आई. जांच क्यों नहीं करवा लेते। अब तो केंद्र में सरकार भी अकाली दल की सांझी है, फिर इनको डर किस बात का है। असलियत यह है कि अकाली अब चालाकी से 22 हजार करोड़ के घपले को आर.बी.आई. से लोन के रूप में तबदील करवाने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। इसका सीधा मतलब है कि पैसा सरकार ने खाया है और भरपाई राज्य के लोगों से करवाने की तैयारी हो रही है।
केजरीवाल से तो अब अन्ना हजारे भी संतुष्ट नहीं
पंजाब में अब काफी हद तक आम आदमी पार्टी खत्म हो गई है। गत दिनों जो घटनाक्रम आप में हुए हैं उसने पूरी दुनिया में रह रहे पंजाबियों के दिल तोड़ दिए हैं। इसके अलावा जिस अन्ना हजारे के साथ केजरीवाल ने संघर्ष शुरू किया था आज वही अन्ना हजारे इनके खिलाफ संघर्ष करने की जरूरत महसूस कर रहे हैं। केजरीवाल की दोगली नीति को अब जनता समझ चुकी है और बाकी कसर सुच्चा सिंह छोटेपुर की तरफ से इनकी पार्टी में टिकट बेचने के खुलासे ने पूरी कर दी है। मेरे मुताबिक यह बात आप पार्टी के लिए शर्मनाक है। जो पार्टी अपने कन्वीनर को ऐसे सिं्टग के कारण सस्पैंड कर सकती है जिसको अभी तक जारी नहीं किया गया, उसके बारे में ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं।
सिद्धू फ्रंट को कांग्रेस का हाथ पकडऩा चाहिए?
मैं मानता हूं कि सच में चौथा फ्रंट अकाली दल को हराना चाहता है तो उनको भी अलग होने की जगह कांग्रेस का हाथ पकडऩा चाहिए। सिद्धू की बैकग्राऊंड भी कांग्रेसी है और उनके साथ बैंस ब्रदर्स भी अच्छे इंसान हैं। इसलिए जब हमारी लड़ाई ही एक है तो फिर अलग-अलग लडऩे का कोई फायदा नहीं।
कैप्टन को बाजवा की सलाह
कैप्टन अमरेंद्र सिंह को अपना दिल बड़ा करने की जरूरत है। प्रत्येक कांग्रेसी को अपना समझ कर सभी को साथ लेकर चलना चाहिए। ओवरकांफीडैंस से बचने की जरूरत है। सुनो सभी की लेकिन अमल सिर्फ अच्छी सलाह पर करें। पार्टी का हर व्यक्ति प्रधान से न्याय की उम्मीद करता है। उदाहरण के तौर पर जब जंग लडऩी हो तो हर हथियार साथ रखना पड़ता है। इसलिए कांग्रेस की सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ जंग में इस वक्त गलती की कोई गुंजाइश नहीं है।