Edited By bharti,Updated: 07 Dec, 2018 11:47 AM
पठानकोट के साथ सटे गांव डेयरीवाल व दरसोपुर के लोगों ने आज प्रशासन के खिलाफ ...
पठानकोट (कंवल): पठानकोट के साथ सटे गांव डेयरीवाल व दरसोपुर के लोगों ने आज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि विधायक द्वारा ईको टूरिज्म के नाम पर लोगों को सपने दिखाकर धारकलां अधीन रणजीत सागर डैम की झील निकट वन विभाग की भूमि को लिया जा रहा है। मगर इसके बदले करीब 5 दर्जन परिवारों को बेघर होने का डर सता रहा है।
प्रधान जगदीश राज काला के नेतृत्व में रोष प्रदर्शन करते हुए सुखवीर सिंह, गोरख राम, भागो राम, थोडू राम, मोहन चंद, राम लाल, राज कुमार, बंसी लाल, इब्राहिम आदि ने कहा कि एक तरफ पंजाब सरकार खाली खजाने का ढिंढोरा पीट रही है दूसरी और स्थानीय सत्ताधारी लोगों को बड़े-बड़े खवाब दिखाते ये नहीं देख रहे कि उनके चन्द ऐसे फैसले से कई लोगों के घर उजड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिले में ईको टूरिज्म बनाने से हमें कोई आपत्ति नहीं है। यह बनना चाहिए मगर इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि इससे कितने घर बर्बाद हो जाएंगे? क्योंकि ईको टूरिज्म के लिए वन विभाग से जो भूमि ली जाएगी, उसके एवज 7,766 एकड़ भूमि वन विभाग को जो देने की योजना बनाई जा रही है, उस भूमि पर भारत-पाक बंटवारे के समय से 50 से 60 परिवार बसे हुए हैं, वे उजड़ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बंजर जमीन को कई दशकों की दिन-रात मेहनत के बाद आबाद करके अपने बसेरे बनाए हैं, जिन्हें नेता जी अपने एक फैसले से सड़कों पर ला खड़ा करेंगे। प्रभावित परिवारों ने कहा कि जमीन ही हमारे परिवारों की रोजी-रोटी का एकमात्र स्रोत है। पंजाब सरकार एक तरफ घर-घर रोजगार देने के दावे ठोंकते दम नहीं भरती, वहीं दूसरी तरफ हमारे परिवारों को उखाड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 तक 325 एकड़ भूमि डेयरीवाल पंचायत के अधीन आती थी, मगर 2011 में पठानकोट नगर कौंसिल से पठानकोट नगर निगम बनने के बाद उक्त भूमि निगम के अधीन आ गई है। तब से ही निगम दरसोपुर गांव के लोगों से उक्त भूमि छीनने के लिए उत्सुक है।पहले ही गांव किला जमालपुर के परिवारों से जबरन भूमि छीन कर निगम द्वारा वहां कचरे को डम्प व गौशाला हेतु कई एकड़ भूमि हासिल कर ली है। प्रभावित परिवारों के इसके खिलाफ मरणव्रत पर बैठने की चेतावनी दी है।
विधायक ने कहा-नहीं होगा कोई बेघर, खाली भूमि पर लगेंगे पेड़
इस संबंध में विधायक अमित विज ने कहा कि ईको टूरिज्म के एवज 7,766 एकड़ भूमि वन विभाग को पेड़ लगाने के लिए जो देनी है, वह खाली दी जाएगी। उक्त भूमि देने से पहले मामले को देखा जाएगा ताकि कोई बेघर न हो और सिर्फ खाली भूमि पर पेड़ लगाएंगे। मामले में जिलाधिकारी व निगम अधिकारियों से तालमेल कर ही वन विभाग को भूमि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ईको टूरिज्म योजना के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने मंजूरी दे दी है, जिस पर जल्द कार्य शुरू किया जाएगा।