मेयर व कमिश्नर में ठनी, एक-दूसरे पर मढ़े आरोप

Edited By Sonia Goswami,Updated: 19 Sep, 2018 12:58 PM

municipal corporation pathankot

नगर निगम के मेयर अनिल वासुदेवा ने पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि निगम कमिश्नर के निगम कार्यालय में नियमित रूप से न बैठने से निगम कार्यालय की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है, वहीं पार्षदों व आम जनता के काम भी ठीक ढंग से नहीं हो पा रहे...

पठानकोट(शारदा,आदित्य): नगर निगम के मेयर अनिल वासुदेवा ने पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि निगम कमिश्नर के निगम कार्यालय में नियमित रूप से न बैठने से निगम कार्यालय की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है, वहीं पार्षदों व आम जनता के काम भी ठीक ढंग से नहीं हो पा रहे हैं। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। 

मेयर ने कहा कि जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि (पार्षद) लोगों की आम समस्याओं को निपटारे के लिए निगम कार्यालय में आते हैं परन्तु कार्यालय में कमिश्नर की अनुपस्थिति के चलते समस्याओं का समय पर समाधान नहीं हो पा रहा है। वहीं कमिश्नर निगम कार्यालय की जगह मल्लिकपुर स्थित जिला प्रबंधकीय कॉम्पलैक्स में बैठते हैं जो कि नगर से करीब 5-6 किलोमीटर की दूरी पर है, ऐसे में निगम कार्यालय के कर्मचारियों व अधिकारियों को कार्य करवाने के लिए मल्लिकपुर जाना पड़ता है। इससे बेशकीमती समय की बर्बादी आने-जाने में ही हो जाती है। 

वासुदेवा ने कहा कि पिछले 3 महीनों से यह सिलसिला लगातार जारी है तथा कमिश्नर का उनसे भी कोई सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है क्योंकि कमिश्नर निगम कार्यालय आते ही नहीं है। ऐसा लग रहा है कि मानो कमिश्नर पर किसी प्रकार का दबाव हो तथा वह दबाव के अधीन आकर कार्य कर रहे हैं। इससे आम जनता व निगम कार्यालय दोनों के लिए विचित्र स्थिति पैदा हो गई है तथा कमिश्नर की अनुपस्थिति से जनता व निगम कार्यालय दोनों ही चक्की में पिस रहे हैं। मेयर ने कहा कि बारम्बार आग्रह करने पर कमिश्नर ने कहा था कि वह निगम कार्यालय में सुबह 9 से 11 बजे तक बैठेंगे परन्तु वह भी नहीं हो सका। 

पंजाब सरकार की हिदायत है कि किसी भी निगम में कार्यरत किसी भी श्रेणी से संबंधित कर्मचारी या अधिकारी का तबादला मेयर को विश्वास में लिए बिना नहीं किया जा सकता परन्तु बावजूद इसके कमिश्नर मनमाने ढंग से निगम के विभागीय अमले का तबादला कर रहे है। वासुदेवा ने कहा कि कमिश्नर किसी भी प्रकार की सलाह उनसे जनता के कार्यों अथवा विभागीय कार्यप्रणाली को लेकर नहीं ले रहे हैं जबकि सभी विभागीय लाभ कमिश्नर निगम कार्यालय के अधिकारी के रूप में ले रहे हैं। उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर एक सप्ताह में स्थिति न सुधरी तो इस बाबत लोकल बॉडी मंत्री व मुख्यमंत्री को भी लिखा जाएगा।  इस अवसर पर सीनियर डिप्टी मेयर निर्मल सिंह, रोहित पुरी, हरीश पाल बिट्टू, दविन्द्र शर्मा, शमशेर सिंह, सुरेश पिंटु, राज कुमार महाजन, प्रवीण शर्मा, नरेन्द्र काला, विजय काटल, भगवती चरण आदि उपस्थित थे।

हाऊस की बैठक न करवाकर मेयर लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं : कुलवंत सिंह

वहीं मेयर के आरोपों का सिरे से खंडन करते हुए अतिरिक्त जिला उपायुक्त (ज) कुलवंत सिंह (आई.ए.एस.) ने कहा कि उनके पास निगम कमिश्नर का अतिरिक्त प्रभार है। वहीं पिछले 4 सप्ताहों से जिला परिषद एवं ब्लॉक समिति चुनावों की प्रक्रिया चल रही है। वह जिला परिषद के रिटॄनग अधिकारी भी हैं। वह दिन-रात अपने दायित्वों का निर्वाहन कर रहे हैं। उनके पास खाना खाने तक का वक्त नहीं है। इसके बावजूद जो उनके पास समय बचता या निकलता है वह निगम कार्यालय को जरूर देते हैं। आज की तारीख में निगम से संबंधित किसी कार्य की फाइल उनके पास पंडिंग नहीं है तथा निगम कार्यालय से संबंधित सभी कार्यालय वह पहल के आधार पर करते आ रहे हैं।

कमिश्नर ने उलटे मेयर पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि म्यूनिसिपल एक्ट के अनुसार मेयर को निगम के हाऊस की बैठक हर महीने करवानी होती है परन्तु मौजूदा वित्तीय वर्ष में आधा साल बीत जाने के बाद भी अब तक एक भी हाऊस की बैठक नहीं हुई। इस संबंध में उन्होंने सरकार को लिख दिया है इससे मेयर चिढ़कर उनके विरुद्ध अकारण आरोप लगा रहे हैं जबकि मेयर को खुद अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। जबकि हाऊस की मीटिंग व एफ.एन.सी. की बैठक करवाने का दायित्व मेयर का है। काम सिर्फ हाऊस की बैठक न होने व एफ.एन.सी. के रुके हुए हैं कमिश्नर कार्यालय से संबंधित एक भी कार्य व फाइल पैंडिंग नहीं है। 

कमिश्नर ने कहा कि जब उन्होंने हाऊस की मीटिंग होने संबंधी सरकार को लिखा तो मेयर अब अपनी खीझ मिटाने के लिए उलटा चोर कोतवाल को डांटे की स्थिति में आ गए हैं। अगर मेयर को राजनीति ही करनी है तो वह विपक्षी दल कांग्रेस के साथ करें। कमिश्नर ने कहा कि उन्होंने हाऊस की बैठक न होने संबंधी सरकार को लिखकर क्या गुनाह कर लिया? क्या मेयर को इसलिए चुना गया है कि जनता के कार्य करवाने के लिए हाऊस की बैठक तक न करवाएं जो कि नियमों अनुसार हर महीने होनी चाहिए? हाऊस की मीटिंग न करवाकर मेयर लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। कमिश्नर ने खुलासा किया कि म्यूनिसिपल एक्ट अनुसार अगर मेयर हाऊस की बैठक नियमित रूप से नहीं करवाता तो सरकार उसके विरुद्ध एक्शन ले सकती है।

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