लैंड स्लाइडिंग के चलते ट्रैक बुरी तरह से प्रभावित

Edited By swetha,Updated: 22 Aug, 2018 11:57 AM

land sliding

पिछले कुछ दिनों से हिमाचल में हो रही भारी बरसात के चलते कांगड़ा घाटी की ओर जाने वाली ट्रेनों की आवाजाही पर ग्रहण-सा लग गया है जिसके चलते हिमाचल की हसीन वादियों का हिचकोले खाते हुए खिलौना नुमा ट्रेन से अवलोकन करने का सपना पर्यटकों के लिए इस बार...

पठानकोट(आदित्य): पिछले कुछ दिनों से हिमाचल में हो रही भारी बरसात के चलते कांगड़ा घाटी की ओर जाने वाली ट्रेनों की आवाजाही पर ग्रहण-सा लग गया है जिसके चलते हिमाचल की हसीन वादियों का हिचकोले खाते हुए खिलौना नुमा ट्रेन से अवलोकन करने का सपना पर्यटकों के लिए इस बार ख्वाब-सा बन कर रह गया है। 

गौरतलब है कि जोगिंद्रनगर नैरोगेज रेल सैक्शन पिछले 27 जून से ही बरसात के चलते प्रभावित होना शुरू हो गया था जिसके चलते पहले रात्रि ट्रेनों को बंद कर दिया गया था। इसके बाद रेलवे ट्रैक पर लैड स्लाइडिंग होने के चलते पठानकोट से जाने वाली ट्रेनों को गुलेर रेलवे स्टेशन तक ही भेजा जाने लगा। इसके बाद 13 अगस्त को कोपरलाट के पास तथा कई अन्य स्थानों पर भारी लैंड स्लाइडिंग होने के चलते ट्रैक पूरी तरह से डैमेज हो गया। 13 अगस्त के बाद से जोङ्क्षगद्रनगर की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों को अगले आदेशों तक बंद कर दिया गया। यानी 9वें दिन भी नैरोगेज ट्रैक पर ट्रेनें नहीं चलीं।

पठानकोट नैरोगेज प्लेटफार्म भिखारियों की बनी शरणस्थली
आलम यह है कि अक्सर पठानकोट से रोजाना चलने वाली ट्रेनों का पहिया जाम होने के चलते जोङ्क्षगद्रनगर की ओर जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करते हुए 4 गुना ज्यादा किराया खर्च कर अपने गंतव्य की ओर जाना पड़ रहा है। पठानकोट नैरोगेज प्लेटफार्म का आलम यह है कि वहां पर पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ है तथा रेल यात्रियों की जगह वहां पर भिखारियों का बसेरा बन चुका है। 

धार्मिक स्थलों की ओर जाने वाली यात्रियों को हो रही परेशानी
पठानकोट स्टेशन से धार्मिक स्थल चामुंडा देवी, कांगड़ा मंदिर, ज्वाला जी तथा बाबा बालक नाथ के दर्शनों हेतु जाने वाले पर्यटकों को ट्रेनें बंद होने के चलते भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। गौरतलब है कि इन धार्मिक स्थलों की ओर ट्रेन के रास्ते रोजाना सैंकड़ों यात्री जाते थे जिन्हें अब भारी-भरकम किराया खर्च कर बसों के रास्ते जाना पड़ रहा है। नैरोगेज प्लेटफार्म पर गुलेर की ओर जाने वाले यात्री विजय कुमार ने बताया कि वह काफी दिनों बाद पठानकोट आया है, लिहाजा प्लेटफार्म पर पहुंचने के बाद उसे पता चला कि ट्रेनें बंद हैं। उन्होंने कहा कि  अब उसे 4 गुना अधिक किराया खर्च कर अपने गंतव्य पर जाना पड़ेगा। 

बरसात थमती है तो भी 12 से 15 दिनों तक नहीं शुरू हो सकता ट्रैक 
इसकी बाबत रेलवे के सीनियर सैक्शन इंजीनियर ए.के. गुप्ता ने कहा कि कोपरलाट स्टेशन के अलावा पूरे सैक्शन में 7 से 8 स्थानों पर भारी लैंड स्लाइडिंग होने के चलते रेलवे ट्रैक पूरी तरह से डैमेज हो चुका है। उन्होंने कहा कि अगर बरसात थम जाती है तो भी ट्रैक चालू करवाने हेतु लगभग 12 से 15 दिनों का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि कई जगह से ट्रैक के नीचे से मिट्टी खिसक चुकी है तथा कई जगह पर चट्टानें ट्रैक पर अपना स्थान बना चुकी हैं। इसकी बाबत एस.एम. विक्रम शर्मा ने कहा कि फिरोजपुर मंडल के आगामी आदेशों तक उक्त सैक्शन पर कोई भी ट्रेन न चलाने के आदेश दिए गए हैं। 

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